चीनी आलोचक बोले- राष्ट्रपति जिनपिंग अपनी ही पार्टी के लिए खतरा,

माना जाता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को नया जीवन दिया है। वे पार्टी को आगे बढ़ाने के अभियान पर हैं। लेकिन आलोचकों का कहना है कि जिनपिंग ने खुद को पार्टी के लिए बड़ा खतरा बना दिया है। वे सीसीपी के महासचिव हैं, लेकिन उन्होंने सत्ता को केंद्र में रखकर पार्टी को पीछे धकेल दिया है।

जिनपिंग को पार्टी के लिए खतरा बताने वालों में राजनीतिक विशेषज्ञ काई जिया भी शामिल हैं। जिया सीसीपी के ट्रेनिंग स्कूल में प्रोफेसर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘जिनपिंग ने सत्ता के लिए पार्टी की हत्या की है। पार्टी के 9.5 करोड़ सदस्य हैं। जिनपिंग के सामने इन सदस्यों की हैसियत गुलामों जैसी है। जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी को नया जीवन देने का दावा करते हैं। लेकिन उन्होंने खुद को पार्टी से ऊपर का दर्जा दे दिया है। यह पार्टी के अस्तित्व के लिए खतरा है।’

जिया अभी विदेश में रहती हैं। दरअसल, जिनपिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमान संभालने के कुछ माह बाद ही ये संकेत दे दिए थे कि उनकी क्या रणनीति होगी। जिनपिंग ने जनवरी 2013 में देश के शीर्ष राजनेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने कहा था, ‘सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी का पतन इसलिए हुआ क्योंकि लोगों ने सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास और लेनिन-स्टालिन को नकारा। सेना भी वहां नहीं थी। इसलिए वहां कम्युनिस्ट पार्टी खत्म हो गई।’ लेकिन चीन में आज कम्युनिस्ट पार्टी लोगों के जीवन के केंद्र में है।

तानाशाही को रोकने वाला नियम ही खत्म कर दिया
साल 2015 से जिनपिंग ने सैन्य सुधारों और आधुनिकीकरण के व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिनपिंग ने पार्टी को मजबूत किया। जनता का भरोसा हासिल किया। लेकिन उन्होंने किसी भी व्यक्ति के दो कार्यकाल से अधिक राष्ट्रपति नहीं रहने के नियम को भी खत्म कर दिया। यह नियम 1982 में तानाशाही को रोकने के लिए बनाया गया था।

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