केरल में कोरोना के दोबारा संक्रमण के केस बढ़े, केंद्र ने कही ये बात

नई दिल्ली. केरल (Kerala Covid Cases) के आठ जिलों का दौरा कर चुकी छह सदस्यीय एक केंद्रीय टीम ने कहा है कि एक अगस्त से 20 अगस्त तक राज्य में कोविड-19 के करीब 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं. केंद्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार हालात का जायजा लेकर वैक्सीन के दोनों डोज के बीच की समयवाधि पर फैसला कर सकती है.

इससे पहले सिंह ने कहा कि ओणम का त्योहार (20 अगस्त) नजदीक आने के साथ अनलॉक (पाबंदियां हटाने की) गतिविधियों और पर्यटन स्थलों को खोलने से चुनौतीपूर्ण हालात पैदा हो गए हैं और यह चिंता का विषय है. केंद्र ने कहा कि देश में पिछले सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के आधे से अधिक मामले केरल से हैं.सिंह ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में टीके की दोनों खुराक के बाद भी अधिक संख्या में पुनर्संक्रमण के मामले हैं और इस विषय की जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, पथनमथिट्टा जिले में पहली खुराक लेने के बाद 14,974 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे जबकि दोनों खुराक लेने के बाद 5,042 लोग संक्रमित हुए. ऐसे में राज्य से कहा गया है कि वह दोनों डोज के बीच की समयावधि पर समीक्षा करे. साथ ही अगर जरूरत हो तो दोनों डोज के बीच समयवाधि को कम किया जाए. टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी आठ जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी (संक्रमण पुष्टि) दर 10 प्रतिशत से अधिक पाई गई और कुछ स्थानों पर यह बढ़ती हुई पाई गई. 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा स्वरूप के हैं.

सिंह ने कहा, ‘केरल में मौजूदा आरटी वैल्यू 1.12 है. मौजूदा ट्रेंड जारी रहने पर एक अगस्त से 20 अगस्त की अवधि में करीब 4.62 लाख मामले सामने आने की आशंका है.’ उल्लेखनीय है कि किसी भी रोग के फैलने की दर को ‘रिप्रोडक्शन नंबर’ या ‘आरटी वैल्यू’ कहा जाता है. टीम ने हाल में कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, अलप्पुझा, कोल्लम, पथनमथिट्टा और तिरूवनंतपुरम जिलों का दौरा किया था.

सिंह ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि कंटेनमेंट जोन केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं बनाए गये थे. नमूनों की जांच में संक्रमण की पुष्टि होने की दर 10 से 14 प्रतिशत पाई गई और कुछ इलाकों में यह 15 से 20 प्रतिशत पाई गई. मलप्पुरम और पथनमथिट्टा में इसमें वृद्धि होने का रूझान देखा गया. सिंह ने कहा कि राज्य की 55 प्रतिशत आबादी को अब भी संक्रमण होने का खतरा है.

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