बंद हो गया बुरहानपुर का सबसे पुराना अंग्रेजो का डाक बंगला

बंद हो गया बुरहानपुर का सबसे पुराना अंग्रेजो का डाक बंगला

बंद हो गया बुरहानपुर का सबसे पुराना अंग्रेजो का डाक बंगला

बुरहानपुर 7 अगस्त। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का सबसे पुराना अंग्रेजकालीन शासकीय डाक बंगला बंद हो गया है। लोक निर्माण विभाग के अधीन रहे इस शासकीय विश्रामगृह को अब राज्य पर्यटक विकास निगम को सौप दिया गया है। निगम अब इसे पर्यटक स्वागत केंद्र के रूप में ‍विकसित करेगे। लोक निर्माण विभ्राग के कार्यपालन यंत्री कोमल उईके के अनुसार रेस्ट हाऊस सहित उससे लगी करीब दो आरा ‍भूमि को राज्य सरकार ने पटटे पर निगम को दी है। इसके पूर्व वर्ष 2009 में भी सरकार ने डाक बंगले से लगी करीब आधा बीधा जमीन निगम को दी थी ।इस पर उसने होटल ताप्ती रिट्रीट बनाई है।

वर्ष 1932 से 38 के बीच ‍‍शिकारपुरा में बना यह डाक बंगला कई ऐतिहासिक उतार-चढाव का साक्षी रहा है।इतिहासकार बलराज नावाणी के अनुसार इसमें देश की कई नामी-गिरामी हसितया रही है। इनमें प्रधानमंत्री रहे या बाद में प्रधानमंत्री बने भी ‍शामिल है।जवाहरलाल नेहरू,इंदिरा गॉधी,चौधरी चरणसिंह,अटलबिहारी वाजपेयी,चंद्रशेखर,इंद्रकुमार गुजराल व नरेद्र मोदी आदि है। इनके अलावा धा र्मिक प्रमुखों में दाऊदी बोहरा संप्रदाय के डॉ सैयदना साहब,स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज,निरंकारी मिशन के बाबा हरदेवसिंह महाराज, जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपनंद सरस्वती व जयेंद्र सरस्वती तथा साध्वी ऋतुभरा आदि।फिल्मी दुनिया से जुडे कई कलाकारो की मेजबानी डाक बंगले मे रही है। इनमें महेद्र कपूर, मोहम्म्द रफी,‍ जगजीतासिंह-चित्रासिंह, अनूप जलोटा, पंकज उदास

राजेंद्रनाथ,रजा मुराद, अनिल धवन,मिलनसिंह, फाल्गुनी पाठक व रेहाना सुल्ताना है। इसके अलावा बडे पहलवान दारासिह व रंधावा,अंडरवर्ल्ड ‍‍के बेताज बादशाह हाजी मस्तान, दस्यु सुंदरी फूलनदेवी, पूर्व डकैत पंचमसिंह, बडे कव्वाल शंकर-शंभू, अल्ताफ रजा, शहनाई वादक ‍बिसमिल्ला खान, मुंबई महानगर पालिका के पूर्व उपायुक्त गोविंद राधव खैरनार, कलाकर स्वप्नसुंदरी , लेखिका महादेवी वर्मा ,महीदीपसिंह, कवि काका हाथरसी व अशोक चक्रध्रर रूके है। सामाजिक कार्यकर्ता किशन सुखवाणी का कहना है कि ऐतिहासिक डाक बंगले के मूल स्वरूप में कोई बदलाव किए बिना निगम को इसका उपयोग पर्यटकों के ठहरने के लिए करना चाहिऐ। ‍

 

 

 

 

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