BJP का केजरीवाल पर हमला, जिम्मेदारियां नहीं संभाली जा रही तो तुरंत इस्तीफा दें

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) की सबसे बड़ी नाकामी बताते हुए कहा कि आज दिल्ली के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. प्रदूषण (Pollution) से बुरा हाल है और ज्यादातर लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता राजनीतिक पर्यटन में व्यस्त हैं. दिल्ली की स्थिति बाकी शहरों की तुलना में बदतर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल से अपनी जिम्मेदारियां नहीं संभाली जा रही है तो वे तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें. उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक़ नहीं है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है और इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए केजरीवाल सरकार को सोमवार को कड़े शब्दों में फटकार लगाई है. केजरीवाल सरकार के वकील द्वारा यह दलील देने पर कि दिल्ली सरकार नगर निगम कमिश्नर और महापौर से बात करने वाली हैं, पर कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि आप अपनी जिम्मेदारियों से मत भागिए और उसे दूसरों पर डालने की कोशिश न करें. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि प्रचार-प्रसार के लिए इतने पैसे खर्च कर रहे हैं आखिर ये पैसे कहां से आ रहे हैं, इसका ऑडिट कराना पड़ेगा.

आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली को स्मार्ट शहर बनाने का वादा करने वाले केजरीवाल ने ‘धुंआधार’ शहर बनाने की जगह धुंआदार बना दिया है. खुद तो गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में राजनीति पर्यटन में व्यस्त हैं और दिल्लीवालों को जहरीली हवा के बीच सांस लेने पर मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम शुरु से ही कहते आ रहे हैं कि प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली नहीं है और कल सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि पराली से प्रदूषण फैल जरुर रहा है लेकिन वह प्रमुख कारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में जहां पराली जलाई जाती है वहां पर हवा का प्रदूषण स्तर दिल्ली की तुलना में ज्यादा बेहतर हैं. दो दिन पहले की बात करें तो हरियाणा के दो शहर करनाल जहां प्रदूषण स्तर 157 और पानीपत में 136 प्रदूषण स्तर था जबकि पंजाब के दो शहर लुधियाना में 148 और पटियाला में 163 प्रदूषण स्तर था जबकि दिल्ली में प्रदूषण स्तर 720 था, जिससे स्पष्ट है कि हरियाणा और पंजाब का सिर्फ बहाना होता है.

उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से हम इलेक्ट्रीक बसों को दिल्ली में चलने की बात सुन रहे हैं और इसके अलावा अन्य 26 ऐसे वायदें जो वे पिछले सात सालों से कर रहे हैं, लेकिन आज उनमें से कितना पूरा किया है, यह दिल्ली की जनता बखूबी जानती है. वहीं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का हम सम्मान करते हैं कि उन्होंने दिल्ली की बढ़ती प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है. हमने शुरु से कहा है कि पराली मुख्य कारण नहीं है बल्कि दिल्ली में प्रदूषण के जो तीन अन्य प्रमुख कारण हैं उनमें लचर परिवहन व्यवस्था, सड़कों पर उड़ती धूल और औद्योगिक संस्थानों से निलकने वाली जहरीली गैस और जल प्रमुख हैं.

उन्होंने कहा कि पराली से सिर्फ 4 से 5 प्रतिशत ही दिल्ली की हवा प्रदूषित होती है जबकि जर्जर परिवहन व्यवस्था से 41 प्रतिशत, सड़को पर उड़ती धूल से 21 प्रतिशत और औद्योगिक संस्थानों से 19 प्रतिशत हवा प्रदूषित होती है. डब्ल्यूएचओ भी साल भर पहले कह चुका है कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है जिसे हमने विधानसभा में बड़े जोर शोर के साथ उठाया है. जर्जर हो चुकी परिवहन व्यवस्था जो प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. जब केजरीवाल ने सत्ता संभाली थी तो उस वक्त डीटीसी की 7000 बसे थीं वे घटकर 3600 रह गई  और जब उन 3600 बसों की उम्र सीमा खत्म हो गई तो उसके बावजूद भी वे आज भी सड़को पर चल रही हैं. 11000 बसे खरीदने का वादा करने वाले केजरीवाल पिछले सात सालों में एक भी डीटीसी की बसें नहीं खरीद पाए हैं.

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