वाराणसी के रण में भाजपा ने झोंकी ताकत, पीएम और गृहमंत्री ने की ये तैयारियां

भाजपा यूवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या तक वाराणसी में मौजूदगी दर्ज करा रहे

वाराणसी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान बाकी है. खास बात है कि 7वें चरण के मतदान में वाराणसी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) क्षेत्र में पिछली जीत दोहराने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से लेकर भाजपा यूवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या तक वाराणसी में मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं.

इधर, पीएम ने 3 से 5 मार्च तक वाराणसी में रहने का फैसला किया है, तो वहीं शाह भी सोमवार और मंगलवार को क्षेत्र में रहे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और पार्टी के यूपी प्भारी धर्मेंद्र प्रधान एक सप्ताह से यहां हैं और 5 मार्च तक उनके रहने की संभावना है. इसके अलावा 6वें चरण का प्रचार खत्म होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी वाराणसी का दौरा कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर दोबारा जीतने के संदेश के अलावा पार्टी तेज प्रचार से वाराणसी के दो मंत्रियों के खिलाफ जारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के लिए भी तैयारी कर रही है. खास बात है कि दोनों मंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट में भी शामिल हैं. 2017 चुनाव में भाजपा ने 6 और सहयोगियों ने 2 सीटें जीती थी.

बड़े नामों के प्रचार में शामिल होने से पहले ही भाजपा ने अच्छी तैयारी

हालांकि, बड़े नामों के प्रचार में शामिल होने से पहले ही भाजपा ने अच्छी तैयारी कर ली थी. गुजरात भाजपा के महासचिव (संगठन) रत्नाकर यहां एक महीने से ज्यादा समय से हैं. अखबार के मुताबिक, एक भाजपा नेता ने कहा, ‘एक साल पहले गुजरात में तैनाती और पदोन्नति से पहले रत्नाकरजी काशी और गोरखपुर क्षेत्रीय इकाइयों में संगठन सचिव थे. चूंकि संगठन स्तर पर उनका नेटवर्क है और वाराणसी क्षेत्र की जनसांख्यिकी की जानकारी है, तो वे हर रोज मंडल से लेकर क्षेत्रीय इकाइयों की बैठक कर रहे थे. वे प्रचार कार्यक्रमों की भी निगरानी कर रहे थे. उदारण के लिए बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से पहले रत्नाकरजी ने व्यवस्थाओं का ध्यान रखा था.’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह अरुण कुमार भी बीते कुछ दिनों से वाराणसी में प्रचार कर रहे हैं.

इसके अलावा कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने रविवार रात्र खत्री समुदाय के साथ बैठक की थी. वहीं, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने पार्टी कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की थी. महिला मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए पार्टी ने ‘कमल सखी’ अभियान की भी शुरुआत की है. साथ ही शाह और प्रधान ने ‘बुद्धिजीवियों’ के साथ चर्चा की और प्रधान ने साधुओं के साथ बैठक को संबोधित किया.

वाराणसी लोकसभा सीटों में पांच विधानसभा हैं

वाराणसी लोकसभा सीटों में पांच विधानसभा हैं. इनमें वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर, वाराणसी छावनी, रोहानिया और सेवापुरी का नाम शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि बीजेपी को वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर और रोहानिया पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

पार्टी ने वाराणसी दक्षिण से यूपी सरकार में मंत्री नीलकंठ तिवारी को दोबारा खड़ा किया है. तिवारी ने 2017 में यहां से जीत हासिल की थी. RSS के पदाधिकारी ने बताया कि तिवारी के खिलाफ काफी मजबूत सत्ता विरोधी लहर है और ब्राह्मण समेत पार्टी के कुछ कार्यकर्ता उनसे नाराज हैं. ऐसे में उन्हें नहीं बदलने का फैसला लिया गया है. RSS नेता ने कहा, ‘यह निर्वाचन क्षेत्र पीएम की लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. यह उम्मीदवार में बदलाव विपक्ष को हमारी डबल इंजन की सरकार को निशाना बनाने का मौका देगा.’

इसके अलावा RSS और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी भी टिकट वितरण से नाराज हुए लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं. कई नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया था.

वाराणसी उत्तर से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर यूपी में मंत्री रविंद्र जयसवाल मैदान में हैं. माना जा रहा है कि वे भी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं. 2017 में भाजपा के खाते में आई रोहानिया सीट इस बार अपना दल (एस) के पास चली गई है. पार्टी ने अपने उपाध्यक्ष सुनील पटेल को मैदान में उतारा है. RSS पदाधिकारी ने बताया कि पटेल को बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और अपना दल (कमेरावाडी)-समाजवादी पार्टी गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. सभी ने पटेल उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है

इससे पहले अपना दल (एस) ने भाजपा गठबंधन के साथ मिलकर सेवापुरी में जीत हासिल की थी. इस बार भी भाजपा ने नील रत्न सिंह पटेल को सीट से उतारा है. पिछले चुनाव में भाजपा की सहयोगी रही सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी को भी एक सीट मिली थी. हालांकि, SBSP ने इस बार सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

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