जिला पंचायत अध्यक्ष की रार, अखिलेश यादव के वार पर BJP ने किया पलटवार

लखनऊ. जिला पंचायत अध्यक्ष (Zilla Panchayat President) पद के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है. सियासी जोड़तोड़ शुरू हो चुका है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दावा है कि सबसे अधिक जिला पंचायत सदस्य सपा के ही जीते हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दावा है कि सबसे अधिक अध्यक्ष पद पर बीजेपी का प्रत्याशी ही जितेगा. सच्चाई ये है कि कुर्सी का खेल शुरू हो गया है. तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष की कुर्सी के लिए इसबार भाजपा और सपा आमने-सामने हैं. सपा सर्वाधिक सीट हाथ में होने की बात कह रही है तो भाजपा भी पीछे नहीं है.

जिला पंचायत के पिछले चुनावों को देखें तो साफ पता चलता है कि कुर्सी बहुमत से नहीं बल्कि रणनीति से ही हाथ आई है. 2015 मे जब सपा की सरकार थी तो 62 सीटों पर सपा की जीत हुई थी. आज भाजपा की सरकार है. बीजेपी ने 65 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं, वहीं बीजेपी इन आरोपों को एक सिरे से नकार देती है. बीजेपी महामंत्री और पंचायत चुनाव प्रभारी जेपीएस राठौर कहते हैं कि सपा जब सत्ता में थी तो केवल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग ही करती थी.

यही कारण है कि बीजेपी के हर कदम को वो उसी निगाह से देखती है. क्योंकि जो जैसा करता है उसका नजरिया दूसरे के लिए भी वैसा ही रहता है. जेपीएस कहते हैं कि सबसे अधिक चुनाव जीतना पार्टी का लक्ष्य है और इसके लिए हम दूसरे जिला पंचायत सदस्यों को जोड़ रहे हैं. कई जगह बीजेपी निर्दलीय को भी प्रत्याशी बना सकती हैं. जीत हार जिसकी भी हो लेकिन इतना तय है कि इस हार जीत में कांग्रेस, बसपा, सुभासपा, अपना दल समेत अन्य पार्टियों की अहम भूमिका होगी.

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