मशहूर BJP नेता के साथ फ्रॉड: खुद को RSS का बताकर महिला ने ठगे 41 लाख, तरीका जान दंग रह जाएंगे आप !

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक वरिष्ठ बीजेपी नेता से 41 लाख रुपये की ठगी की गई। खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का पदाधिकारी बताकर एक महिला ने उन्हें खनिज निगम का चेयरमैन बनाए जाने का लालच दिया और धीरे-धीरे 41.30 लाख की रकम हड़प ली।
कोर ग्रुप सदस्य संतोष कटारिया से ठगी, 3 करोड़ मांगे गए थे
ठगी का शिकार हुए संतोष कटारिया (64 वर्ष) कोंडागांव जिले में पेट्रोल पंप संचालक हैं और छत्तीसगढ़ बीजेपी कोर ग्रुप के सदस्य भी हैं। आरोपी महिला ने खुद को दिल्ली में RSS से जुड़ा हुआ वरिष्ठ पदाधिकारी बताया और खनिज निगम में चेयरमैन बनाने के बदले 3 करोड़ रुपये की मांग की।
धीरे-धीरे किश्तों में दिए 41.30 लाख रुपये
कटारिया ने महिला की बातों में आकर अलग-अलग किश्तों में कुल 41.30 लाख रुपये दे दिए।
- 20 अगस्त 2024 को दिल्ली में पहली बार 20 लाख रुपये नकद दिए गए।
- 26 सितंबर 2024 को केशकाल से वॉट्सएप QR कोड स्कैन कर 1.30 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए।
- अक्टूबर 2024 में रायपुर के होटल क्लार्क में दोबारा महिला और उसके सहयोगी को 20 लाख कैश दिए गए।
ठगी का खुलासा: नाम नहीं आया तो टूटा भ्रम
जब छत्तीसगढ़ में निगम-मंडलों की नई सूची जारी हुई और उसमें संतोष कटारिया का नाम नहीं आया, तब उन्हें शक हुआ। उन्होंने जब आरोपी महिला और उसके सहयोगी से संपर्क करने की कोशिश की तो दोनों ने फोन उठाना बंद कर दिया।
आरोपी महिला का असली नाम कोमल मुंजारे, केस दर्ज
जांच में सामने आया कि आरोपी महिला का असली नाम कोमल मुंजारे है, जो खुद को काजल जोशी बताकर दिल्ली में रहना और केंद्रीय मंत्रियों से संबंध होना बताती थी। कटारिया की शिकायत पर केशकाल थाना में दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक धमकी की धाराओं में FIR दर्ज की गई है।
वरिष्ठ बीजेपी नेता रह चुके हैं पीड़ित
संतोष कटारिया अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे उत्तर बस्तर जिले के बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता के रूप में लंबे समय से सक्रिय हैं।
पुलिस जांच में जुटी, आरोपी फरार
केशकाल थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए तलाश शुरू कर दी है।
ठगी की घटना ने खड़े किए सवाल
यह घटना न केवल बीजेपी कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि सत्ता और पद के लालच में किस तरह वरिष्ठ नेता भी शिकार बन सकते हैं। एक महिला द्वारा RSS के नाम का दुरुपयोग कर इस तरह की ठगी करना संगठनों की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े करता है।