Haldwani News: BJP नेता को सड़क पर दौड़ाकर पीटा, भाजपा महिला नेता के कॉल पर पहुंचे थे..

उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के गौलापार क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। भाजपा गौलापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मुकेश बेलवाल पर रविवार रात को हमला कर दिया गया। यह हमला उस समय हुआ जब वह अपने कुछ समर्थकों के साथ एक महिला भाजपा नेता की कॉल पर सहायता के लिए पहुंचे थे। बताया गया कि हमलावरों ने न सिर्फ उन्हें दौड़ाकर पीटा, बल्कि उनकी गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। मामले में पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

महिला भाजपा नेता की कॉल बनी घटना की वजह

घटना की शुरुआत रविवार रात करीब 11 बजे हुई जब एक महिला भाजपा नेता ने मुकेश बेलवाल को फोन कर बताया कि कुछ लोग उनके घर के बाहर आकर दरवाज़ा खटखटा रहे हैं और डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। सूचना मिलते ही मुकेश बेलवाल अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे।

लेकिन जैसे ही वह वहां पहुंचे, विरोधी गुट ने उन्हें घेर लिया और हमला बोल दिया। यह घटना पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष की ओर इशारा करती है।

हमलावरों ने किया बर्बर हमला, समर्थकों को भी नहीं बख्शा

घटना स्थल पर हमलावरों ने बेलवाल और उनके साथियों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस दौरान उनकी गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया गया। हमले में भाजपा समर्थक गौरव जोशी और भुवन जोशी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया है।

पुलिस की तत्परता: नौ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

काठगोदाम पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नितिन जोशी, मोनू बिष्ट, मोहित बिष्ट, धीरज बिष्ट, भैरव देवपा, राज बोरा, सूरज बिष्ट, अतुल बोरा और सौरभ आर्या के खिलाफ IPC की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

इन धाराओं में मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और तोड़फोड़ जैसे आरोप शामिल हैं। पुलिस अब हमलावरों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है।

बेलवाल की पहचान और चुनावी समीकरण

मुकेश बेलवाल गौलापार मंडल के पूर्व भाजपा अध्यक्ष हैं और वर्तमान में उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी हैं। ऐसे में यह घटना सीधे-सीधे चुनावी राजनीति और क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ी प्रतीत होती है।

स्थानीय राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह हमला केवल व्यक्तिगत रंजिश नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भाजपा के एक सक्रिय नेता को दबाने की कोशिश भी हो सकती है।

सुरक्षा पर सवाल और प्रशासन की चुनौती

हल्द्वानी में हुई इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है।

इस तरह की घटनाएं सिर्फ राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा नहीं देतीं, बल्कि जनता का भरोसा भी प्रशासनिक व्यवस्था से डिगा सकती हैं। जरूरत है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर एक सख्त संदेश दिया जाए।

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