गुजरात और गोवा में कहीं बिगड़ न जाए सियासी खेल…अभी से ही अंदरूनी रिपोर्ट ले रही BJP

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी भाजपा अपनी सत्ता वाले पश्चिम के दो राज्यों गुजरात और गोवा को लेकर भी पूरी सतर्कता बरत रही है। गोवा में साल की शुरुआत में और गुजरात में साल के आखिर में चुनाव होने हैं। पार्टी ने अभी से ही दोनों राज्यों की अंदरूनी रिपोर्ट मंगानी शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों गोवा का दौरा भी किया था और जमीनी स्थिति की जानकारी हासिल की।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के कारण सबका फोकस उस पर है, लेकिन अन्य चुनाव वाले राज्य भी उसकी रणनीति में प्रमुखता से शामिल है, जिसमें उसकी सत्ता वाले राज्य के लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है। गोवा का विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर के साथ अगले वर्ष की शुरुआत में ही होना है। छोटा राज्य होने के बावजूद गोवा का राजनीतिक महत्व काफी ज्यादा है, क्योंकि वहां पर राजनीतिक उठापटक ज्यादा होती है।

प्रमोद सावंत को ही मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने की तैयारी
पार्टी ने अपने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को ही वहां पर बतौर मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने की तैयारी कर रखी है। जेपी नड्डा ने अपने हाल के गोवा के दौरे में इसके संकेत भी दिए थे। हालांकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे भी दावेदारी कर रहे हैं। उनका मुख्यमंत्री के साथ कोरोना प्रबंधन को लेकर खींचतान की खबरें भी आती रही है। विश्वजीत राणे पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे के पुत्र हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है गुजरात
गुजरात चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है, इसलिए वहां की सारी रणनीति इन दोनों शीर्ष नेताओं के इर्द-गिर्द ही रहती है। ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बहुत ज्यादा समस्या नहीं आती है। मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी चुनाव में चेहरा होंगे या नहीं होंगे यह बात ज्यादा मायने नहीं रखेंगी। हालांकि चर्चा है कि पार्टी वहां पर रुपाणी के नेतृत्व में तो जाएगी, लेकिन असम की तरह ही उनको भविष्य का चेहरा घोषित नहीं करेंगी। इसकी वजह राज्य के सामाजिक समीकरण भी हैं।

गुजरात में भाजपा को कांग्रेस से मिल रही है चुनौती
गुजरात में भाजपा को मुख्य चुनौती कांग्रेस से ही मिल रही है, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल के निधन के बाद वहां पर कांग्रेस कुछ कमजोर पड़ी है। गोवा और गुजरात दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी ने भी दखल देना शुरू किया है। हालांकि वह चुनाव को कितना प्रभावित करेगी यह साफ नहीं है, क्योंकि दोनों राज्यों में उसके पास संगठन और कार्यकर्ताओं की कमी तो है ही साथ ही जनता में स्वीकार्यता बनाना भी उसके लिए चुनौती होगी। लेकिन भाजपा सभी पहलुओं पर नजर रखे हैं।

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