यमुना के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं देने से भड़की भाजपा, किया ये ऐलान

नई दिल्‍ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली इकाई ने यमुना नदी के किनारों पर छठ पूजा (Chhath Puja 2021) की अनुमति नहीं देने के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्णय पर आपत्ति जताई है. इसके साथ कहा कि वह नियमों को तोड़ते हुए पर्व मनाने के लिए नदी के आसपास के इलाकों में जाएगी. उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि यह कदम ‘पूर्वांचलियों की धार्मिक आस्थाओं से खेलने’ जैसा है. बता दें कि छठ को लेकर पूजन 8 नवंबर से शुरू होगा और दिवाली के छठे दिन 10 नवंबर को छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा.

इसके अलावा शुक्रवार को तिवारी ने एक बयान जारी करके कहा,’ वह यह जान कर ‘स्तब्ध’ हैं कि श्रद्धालुओं को छठ पर्व यमुना नदी के किनारों पर मनाने की अनुमति नहीं है.’

अरविंद केजरीवाल की हिंदू विरोधी नीति बेनकाब हो रही है
इसके अलावा भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एक बयान में कहा,‘मैं यह जानकर हैरान हूं कि दिल्ली सरकार ने यमुना के तट पर छठ उत्सव पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. यह पूर्वांचलियों की धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास है. अरविंद केजरीवाल की हिंदू विरोधी नीति बेनकाब हो रही है. हम पूर्वांचली इसे स्वीकार नहीं करते.’

पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने किया ये ऐलान
पश्चिमी दिल्ली से सांसद सिंह ने भी इस फैसले पर अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा कि वह यमुना घाट पर ही छठ मनाएंगे. सिंह ने ट्वीट किया,‘छठ पूर्वांचल के भाइयों और बहनों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है और उस पर प्रतिबंध लगाना उनकी मान्यताओं के साथ खेलने जैसा है. केजरीवाल जी, मैं खुद यमुना में जाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि छठ पूजा वहां हो. अगर आप मुझे रोक सकें तो रोक लीजिए.’

गौरतलब है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक आदेश जारी करके शुक्रवार को कहा कि यमुना नदी के किनारों को छोड़ कर दिल्ली में निर्दिष्ट स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति होगी. डीडीएमए के आदेशानुसार श्रद्धालु पूजा करने व पूजन सामग्री को प्रवाहित केवल चिन्हित स्‍थानों पर ही कर सकेंगे. यमुना नदी में किसी भी प्रकार का सामान प्रवाहित करने पर प्रतिबंध रहेगा. चिन्हित स्‍थानों पर प्रवाहित किए गए सामान को एकत्रित कर उसके डिस्पोजल की जिम्मेदारी नगर निगम व अन्य एजेंसियों की होगी. इस संबंध में सभी डीसीपी को आदेश जारी कर ये कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि पूजा से जुड़ी या किसी अन्य सामग्री को किसी भी हाल में यमुना में प्रवाहित न किया जाए. साथ ही अन्य किसी जल मार्ग के जरिए भी इस तरह की कोई भी सामग्री यमुना में आकर न मिले.

Related Articles

Back to top button