चेतना बरागटा BJP से 6 साल के लिए निष्कासित:नामांकन वापस न लेने पर पार्टी ने की कार्रवाई, सेब मिला चुनाव चिन्ह

बोले- पार्टी से निकाला... कमल को कैसे दिल से निकाल पाओगे

भाजपा से बगावत कर चुके जुब्बल-कोटखाई के पूर्व में विधायक रहे नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रदेश में होने वाले उप-चुनावों को लेकर 13 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि थी, लेकिन चेतन बरागटा ने अपना नाम वापस नहीं लिया और भाजपा ने तत्काल प्रभाव से 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया। उन पर यह गाज जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की उम्मीदवार नीलम सरैईक के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर गिरी है। इससे पहले पूरा दिन भर चेतन बरागटा का फोन भी स्विच ऑफ रहा। उनका किसी से कोई संपर्क नहीं हो पाया। दिल्ली से भी लगातार पार्टी के आला नेताओं और पदाधिकारी उनसे संपर्क साधने की कोशिश कर रहे, लेकिन उनकी किसी से बात नहीं हो पाई।

वहीं पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चेतन बरागटा के समर्थन में प्रचार कर रहे भाजपा मंडल को गुरुवार को निष्कासित किया जा सकता है। अब देखना यह है कि भाजपा ऐसा करती है कि नहीं जबकि दूसरी ओर फतेहपुर में अभी भी भाजपा के नेता यहां पर पार्टी कैंडिडेट का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि चेतन बरागटा अपना टिकट कटने के बाद से यहां पर नाराज चल रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने निर्दलीय नामांकन पत्र दायर किया। चेतन बरागटा भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक के पद पर तैनात हैं, टिकट कटने के चलते नाराज होने के बाद चेतन बरागटा ने जुब्बल-कोटखाई सीट से निर्दलीय ही चुनावों में खड़े होने का निर्णय ले लिया।

देर रात तक लोगों से मिल रहे चेतन बरागटा।

अर्की और फतेहपुर में भाजपा क्या भंग कर पाएगी मंडल कार्यकारिणी
बड़ा सवाल अब यह है कि भाजपा क्या अब अब जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर मंडल को भंग करने की हिम्मत जुटा पाती है, क्योंकि यहां पर दोनों ही मंडल खुले तौर पर पार्टी कैंडिडेट का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अब देखना यह है कि भाजपा अपने इन बागी नेताओं और पदाधिकारियों को किस तरह से लाइन पर लाती हैं, लेकिन जो भी हो इन उप-चुनाव में भाजपा को बागी हो चुके अपने ही प्रत्याशियों से पार पाना मुश्किल होगा।

वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के बाद लोगों से भी की वैक्सीन लगाने की अपील।

परिवारवाद की वजह से कट गया था चेतन बरागटा का टिकट
चेतन बरागटा ने गुम्मा में एक जनसभा के दौरान कहा था कि उन्हें अंत समय में पता लगा कि उनका टिकट कट गया है, लेकिन जब उन्होंने इस बारे में पार्टी के आला नेताओं और पदाधिकारियों से बात की तो उन्हें बताया गया कि परिवार वाद की वजह से उनका टिकट कटा। जिस पर उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा ही था तो उन्हें क्यों उनके पिता के देहांत के 15 दिन बाद फील्ड पर उतरने के लिए कहा गया। उन्हें इस तरह निकाला गया जैसे दूध से मक्खी को निकाला गया हो। फिलहाल जब उन्होंने निर्दलीय नामांकन पत्र दायर किया। तब भी उनसे लगातार पार्टी के आला अधिकारी और नेता नामांकन वापिस लेने को लेकर दबाव बना रहे थे, लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने उनकी बात नहीं मानी और भाजपा ने उन्हें 6 साल के लिए तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया।

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