बीजेपी आज कर सकती है उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान, इन नेताओं के नाम की है चर्चा

News Nasha

बीजेपी आज उत्तर प्रदेश में अपने अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में चल रहे हैं। बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव और जातीय समीकरणों को देखते हुए अध्यक्ष का नाम तय करेगी। उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहे स्वतंत्र देव सिंह को मार्च में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में शामिल किया गया था। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया था। उसके बाद से ही वो कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं।

राजनीतिक गलियारे में यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए जो नाम चर्चा में हैं, उनमें यूपी सरकार के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा,कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के नाम प्रमुख हैं। नाम तय करने के लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौर कई दिनों तक चला है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है। इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि मौर्य प्रदेश के अगले प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं। इसके बाद  से कयास लगाए जाने लगे कि मौर्य प्रदेश के अगले प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं। प्रदेश के नए महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सैनी ने पिछले दिनों गाजियाबाद में पार्टी के ब्रज और पश्चिम क्षेत्र की बैठक ली थी। इसमें भी केशव प्रसाद मौर्य शामिल हुए थे। इसी के बाद उन्होंने ट्वीट किया था। इससे प्रदेश अध्यक्ष पर उनके नाम की चर्चाओं को बल मिला।

कैबिनेट मंत्री को दिल्ली बुलाया:

इस बीच यह भी खबर आई कि योगी सरकार  के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली तलब किया गया है। उन्हें आजमगढ़-मऊ का अपना कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर दिल्ली रवाना होना पड़ा। इसे देखते हुए उनके नाम की भी चर्चा तेज हो गई है। चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं और जाट नेता के रूप में उनकी पहचान है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। इनके अलावा केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किस पर विश्वास जताता है।

 

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