Biological E को नहीं मिली बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल करने की अनुमति, SEC ने कही ये बात

नई दिल्ली. बच्चों के लिए कोविड रोधी (Coronavirus In India) टीके के चयन की प्रक्रिया में सरकार ने हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई (Biological E) कंपनी से और क्लिनिकल डाटा की मांग करते हुए ट्रायल के आवेदन को सिफारिश देने से इनकार कर दिया है. भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण (सीडीएससीओ- CDSCO)की एक विशेषज्ञ समिति (SEC) ने वयस्कों पर चल रहे क्लिनिल ट्रायल पर अतिरिक्त सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी डेटा मांगा. कंपनी ने पहले कहा था कि उसकी प्रमुख विषय भर्ती, अंतरिम सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी का डेटा अगस्त में उपलब्ध होगा. बायोलॉजिकल ई ने कहा था कि उसके वैक्सीन CORBEVAX के तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है और फर्म को 21 अगस्त तक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन करने की उम्मीद है. कंपनी ने कहा कि वह केंद्र सरकार को वैक्सीन की न्यूनतम 300 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगी.

कंपनी को आशा है कि 21 सितंबर तक इमरजेंसी यूज लाइसेंस मिल सकता है. तीसरे चरण का क्लिनिकल स्टडी पूरे भारत में 15 केंद्रों पर किया जा रहा है. 18 से 80 वर्ष की आयु सीमा में लगभग 1,268 लोगों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया गया है. फर्म ने CORBEVAX का निर्माण शुरू कर दिया है और लॉन्च के समय प्रति माह 75 मिलियन खुराक के सप्लाई की उम्मीद है.  रिपोर्टों के अनुसार, कॉर्बेवैक्स वैक्सीन ने चरण 1 और 2 क्लिनिकल ट्रायल्स में आशाजनक परिणाम मिले हैं.

इससे पहले समिति ने समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को दो से 17 साल के बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ टीके के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की मंगलवार को सिफारिश की थी. परीक्षण में 10 जगहों पर 920 बच्चे शामिल होंगे जिनमें 12-17 और 2-11 आयु वर्ग के प्रत्येक वर्ग में 460 बच्चों को शामिल किया जाएगा.एक सूत्र ने कहा, ‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन  की कोविड​​-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को एसआईआई द्वारा दिए गए संशोधित अध्ययन प्रोटोकॉल आवेदन पर विचार किया और दो से 17 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए फर्म को अनुमति देने की सिफारिश की.’

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