वीडियो कॉल से कर डाला गर्वभती महिला का ऑपरेशन, मौत.. झोलाछाप डॉक्टर रफूचक्कर, फिर पता चला कि..

बिहार के सासाराम में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही सामने आई है, जहां एक गर्भवती महिला की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि उसका ऑपरेशन वीडियो कॉल पर झोलाछाप डॉक्टर की सलाह से किया गया। यह मामला न सिर्फ स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में ‘अवैध चिकित्सा प्रैक्टिस’ की खतरनाक सच्चाई को भी उजागर करता है।
अस्पताल से रेफर, आशा कार्यकर्ता ने निजी क्लिनिक पहुंचाया
पीड़ित महिला संगीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद सबसे पहले पीएमसी काराकाट अस्पताल लाया गया था, जहां से डॉक्टरों ने उसे सासाराम सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसी बीच एक आशा कार्यकर्ता ने महिला के परिजनों को बहला-फुसलाकर एक निजी क्लिनिक में भर्ती करा दिया, जहां डॉक्टर राजदेव और उसका स्टाफ पहले से मौजूद थे।
ऑपरेशन वीडियो कॉल पर, डॉक्टर नहीं था मौके पर
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि ऑपरेशन किसी डॉक्टर की फिजिकल मौजूदगी में नहीं, बल्कि वीडियो कॉल पर निर्देश लेकर कराया गया। डॉक्टर राजदेव ने ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया किसी कथित डॉक्टर से वीडियो कॉल पर पूछकर कराई। इस लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि ऑपरेशन के दौरान ही महिला की तबीयत बिगड़ गई और थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई।
महिला की मौत के बाद क्लिनिक स्टाफ फरार
जैसे ही महिला की मौत हुई, क्लिनिक में हड़कंप मच गया। डॉक्टर राजदेव और उसका पूरा स्टाफ मौके से फरार हो गया। परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और क्लिनिक को तत्काल सील कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
परिजनों का आरोप: ‘डॉक्टर ने झांसे में लेकर मारा’
मृतका के परिवार वालों ने रोते हुए बताया कि आशा कार्यकर्ता ने भरोसे में लेकर उन्हें गलत जगह पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर राजदेव ने बिना उचित अनुमति और बिना किसी जांच के सिर्फ वीडियो कॉल के जरिए ऑपरेशन कर डाला। परिजन यह भी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार जल्द करवाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
मेडिकल सिस्टम पर गंभीर सवाल
इस घटना ने बिहार की ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां डॉक्टरों की कमी से ग्रामीण क्षेत्र जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार आम जनता की जान से खेल रही है। वीडियो कॉल पर ऑपरेशन जैसी खतरनाक लापरवाही न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि एक अमानवीय अपराध भी है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
सिविल सर्जन और जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। क्लिनिक को सील कर दिया गया है और डॉक्टर राजदेव समेत क्लिनिक स्टाफ की तलाश जारी है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और झोलाछाप चिकित्सा पर नकेल कसी जाएगी।
तकनीक का गलत इस्तेमाल, सिस्टम की असफलता
संगीता देवी की मौत सिर्फ एक महिला की मौत नहीं, बल्कि एक सिस्टम की मौत है — जो न तो तकनीक का सही इस्तेमाल जानता है, न जवाबदेही निभाता है। इस मामले से सबक लेना जरूरी है ताकि कोई और संगीता ‘वीडियो कॉल’ पर झूठे इलाज का शिकार न बने।