पुलिस ने तस्करों के चंगुल से छुड़ाए 26 नाबालिग बच्चे, 13 आरोपी अरेस्ट, आठ साल के हैं सभी मासूम

मानव तस्करी के शिकार 27 नाबालिग बच्चों को हाजीपुर, सोनपुर और छपरा रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया गया है। इस दौरान मानव तस्करी के 12 आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई चाइल्ड लाइन, आरपीएफ और जीआरपी द्वारा संयुक्त रूप से की गई। इन सभी नाबालिग बच्चों को कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन से मुक्त कराया गया है।

इस संबंध में हाजीपुर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश सिंह राणा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पूर्व मध्य रेल के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस मयंक और कमांडेंट एच श्रीनिवास के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि यह निर्देश मिलने के बाद सहायक सुरक्षा आयुक्त के सुपरविजन में ट्रेनों में सघन जांच की जा रही थी। इसी दौरान टीम ने बच्चों को मुक्त कराया।

इन बच्चों की उम्र आठ साल के करीब है। संयुक्त रूप से पुलिस इन बच्चों से और आरोपितों से पूछताछ में जुट गई है। बताया जाता है कि गुप्त सूचना मिली थी कि कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन में बड़ी संख्या में मानव तस्करी के लिए नाबालिग बच्चों को ले जाया जा रहा है। इसके बाद संयुक्त रूप से कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन जो न्यू जलपाईगुड़ी से चलकर हाजीपुर, सोनपुर छपरा होते हुए उदयपुर सिटी जाती है।

इस ट्रेन में कार्रवाई के तहत हाजीपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर रुकने के बाद ट्रेन की तलाशी ली गयी। जिसके बाद मानव तस्करी के शिकार बच्चों ट्रेन से उतारा जाने लगा। हाजीपुर स्टेशन पर 12 बच्चों को ट्रेन से उतारा गया। इसी दौरान ट्रेन खुल गई, जिसके बाद आरपीएफ और चाइल्ड लाइन की टीम उसी ट्रेन में सवार हो गई।

इसके बाद टीम ने सोनपुर से 09 बच्चों को और छपरा से 5 बच्चों और तीन लोगों को मानव तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। सोनपुर और छपरा से छुड़ाए गए सभी बच्चों को हाजीपुर लाने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।

रात्रि में नाइट सेंटर में रखा जाएगा

इसके पहले हाजीपुर स्टेशन पर 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इस कार्रवाई के संबंध में चाइल्ड लाइन के नोडल डायरेक्टर सुधीर शुक्ला ने बताया कि सभी बच्चों को रात्रि में नाइट सेंटर में रखा जाएगा। इसके बाद गुरुवार को सभी बच्चों की कोरोना जांच, मेडिकल जांच के बाद बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान बच्चों के अभिभावकों को भी सूचना दी जाएगी। बाल कल्याण समिति के निर्णय के अनुसार इन बच्चों को उनके अभिभावक या चाइल्ड होम में भेजा जाएगा।

कटिहार, किशनगंज एवं पूर्णिया के हैं बच्चे 

इस रेस्क्यू टीम में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता सूरज कुमार, मनीष कुमार, चाइल्डनलाइन के जिला समन्वयक संजीव कुमार, रेलवे चाइल्ड लाइन के काउंसलर निशांत कुमार झा,  धीरज कुमार शर्मा, आराधना कुमारी, यूनिसेफ के टीम लीडर बिट्टू कुमार, वॉलिंटियर्स अवनीत कुमार के साथ आरपीएफ एवं जीआरपी की टीम उपस्थित थी। बताया जाता है कि जिन बच्चों का रेस्क्यू किया गया है उनमें ज्यादातर बच्चे कटिहार, किशनगंज एवं पूर्णिया के रहने वाले हैं। इन सभी को  सहारनपुर, अमृतसर, मेरठ, दिल्ली आदि शहरों में ले जाया जा रहा है। पुलिस इन सभी गिरफ्तार आरोपितों और बच्चों से पूछताछ कर आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

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