बिहार: बिजली को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला,2025 तक हर घर में फ्री लगेगा स्मार्ट प्री-पेड मीटर

बिहार के डेढ़ करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के यहां अगले चार सालों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा। साल 2025 तक सभी उपभोक्ताओं के यहां नि:शुल्क स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने के लिए राज्य सरकार अपनी योजना शुरू करेगी। इस मद में सरकार 11,100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। बिजली कंपनी की यह अबतक की सबसे बड़ी योजना है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में ऊर्जा विभाग की इस योजना पर मुहर लग गई। राज्य कैबिनेट ने कुल 12 एजेंडों पर मुहर लगाई।

बिहार में साल 2019 से ही बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के माध्यम से शहरी उपभोक्ताओं के साथ ही कृषि और नल-जल योजना में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक 2.80 लाख मीटर लग चुके हैं। अगले साल जुलाई तक 23.5 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य तय है। इसी कड़ी में तय किया गया कि सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जाए। इसके लिए बिजली कंपनी ने विशेष योजना बनाई। राज्य सरकार की प्रस्तावित इस योजना के तहत स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने वाली कंपनी को योजना लागत की लगभग 45 राशि दे दी जाएगी। इसके बाद बची 55 राशि आठ वर्षों की योजना अवधि में मासिक किस्तों के रूप में दी जाएगी।

कोरोना मृतकों को अब 4.5 लाख मुआवजा

कोरोना से हुई मृत्यु पर अब परिजनों को चार लाख की जगह साढ़े चार लाख अनुग्रह अनुदान मिलेगा। चार लाख रुपए देने का निर्णय पहले से बिहार सरकार ने लिया था। अब 50 हजार रुपए अतिरिक्त दिये जाएंगे। इसको लेकर राज्य कैबिनेट ने 50 करोड़ बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम निकासी की स्वीकृति दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि गृह मंत्रालाय के निर्देश के आलोक में राज्य आपदा रिस्पांस कोष मद से चार लाख के अतिरिक्त 50 हजार दिये जाएंगे।

किसानों को फसल क्षति का अनुदान

बिहार में आई बाढ़ और फिर अधिक बारिश के कारण किसानों को हुए नुकसान को लेकर उन्हें इनपुट अनुदान देने के लिए राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ की स्वीकृति दी है। इनमें 902 करोड़ क्षतिग्रस्त फसल के लिए है। वहीं 100 करोड़ उन किसानों के लिए है, जो जलजमाव के कारण खेती शुरू ही नहीं कर सके। कृषि विभाग के द्वारा किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग के पास किसान ऑनलाइन आवेदन करेंगे। जल्द ही कृषि विभाग इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा।

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