“अगर पार्टी और कार्यकर्ता.., तो मैं..”, बिहार के चुनाव में नया ट्विस्ट, चिराग पासवान की विधानसभा चुनाव में एंट्री

बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने संकेत दिए हैं कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में भाग ले सकते हैं। उनकी पार्टी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि चिराग अब राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।
पार्टी का समर्थन और चिराग की प्रतिक्रिया
एलजेपीआर के बिहार प्रभारी और जमुई सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चिराग से विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि चिराग केवल एक समुदाय के नहीं, बल्कि पूरे बिहार की उम्मीद हैं। चिराग ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर पार्टी और कार्यकर्ता चाहेंगे, तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं।”
सामान्य सीट से चुनाव लड़ने की योजना
अब तक चिराग पासवान ने केवल आरक्षित लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा है, जैसे जमुई और हाजीपुर। हालांकि, इस बार पार्टी चाहती है कि वे किसी सामान्य (अनारक्षित) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें। इससे यह संदेश जाएगा कि चिराग केवल दलित नेता नहीं, बल्कि सभी वर्गों के नेता हैं।
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर संभावित तनाव
एलजेपीआर की एनडीए में वापसी के बाद से सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और एलजेपीआर के बीच तनाव की स्थिति बन सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में एलजेपीआर ने जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे, जिससे जेडीयू को नुकसान हुआ था। अब एलजेपीआर कम से कम 30 सीटों पर दावेदारी कर रही है, जिससे एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जटिलता बढ़ सकती है।
‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा और चिराग की रणनीति
चिराग पासवान ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा दिया है, जो उनके विकास के एजेंडे को दर्शाता है। वे इस नारे के साथ जनता के बीच जाना चाहते हैं और बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना चाहते हैं।
क्या चिराग बनेंगे बिहार की राजनीति के नए सितारे?
चिराग पासवान का विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। उनकी पार्टी और समर्थकों का मानना है कि वे राज्य के विकास के लिए एक मजबूत विकल्प बन सकते हैं। अब देखना यह होगा कि एनडीए में सीट बंटवारे और अन्य दलों की रणनीतियों के बीच चिराग कैसे अपनी जगह बनाते हैं।