द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़ा घोटाला, 18 करोड़/KM की जगह दिए गए 250 करोड़/KM, सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा।

दिल्ली: हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है की  देश में  ही क्या वकाई लूट चल रही है ? अगर कैग की रिपोर्ट के आधार पर ही पिछली सरकार चली गई थी तो मौजूदा समय में जो कैग की रिपोर्ट आई है। उससे गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

पिछली सरकार के दौरान कैग ने ही 2 जी घोटाला का पर्दाफास किया था। एक लाख 76 हजार करोड़ का घोटाला कैग ने बताया था और तब की मनमोहन सिंह सरकर विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। यह बात और है कि बाद में वही कैग ने अपनी गलती के लिए माफ़ी भी मांगी और फिर किसी भी घोटाले से इंकार भी किया लेकिन तब तक मनमोहन सिंह की सरकर बदनाम हो चुकी थी और सत्ता भी बदल गई थी। लेकिन इस वक्त देश में भाजपा की सरकार है।देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानि कैग ने NHAI पर एक बड़ा खुलासा किया है। CAG की रिपोर्ट के आने के बाद से जबरदस्त हंगामा मच गया है। दिल्ली में बनाए जा रहे द्वारका एक्सप्रेसवे पर CAG की रिपोर्ट ने कई अहम सवाल उठाए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सड़क की लागत कई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, जो लागत प्रति किलोमीटर 18 करोड़ रुपये होनी थी, वह 250 करोड़ रुपये तक खर्च हुए हैं। कैग की ऑडिट रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कैबिनेट ने इस सड़क के लिए प्रति किलोमीटर का बजट 18.20 करोड़ रुपये प्रस्तावित था लेकिन इसके लिए प्रति किलोमीटर 251 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया। इसी के साथ इस प्रोजेक्ट का कॉस्ट करीब 7,287 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अब इस लागत में इतना ज्यादा अंतर आने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कैग ने पिछले दिनों ही इस प्रोजेक्ट के बारे में अपना ऑडिट रिपोर्ट संसद में पेश किया है। कैग के मुताबिक ये खेल भारतमाला परियोजना BPP-1 के चरण-1 में हुआ है। आपको बता दें कि कैग ने द्वारका एक्सप्रेसवे के इस प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है।

द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ दिल्ली बड़ोदरा एक्सप्रेसवे पर भी सवाल खड़े हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरा प्रोजेक्ट आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से अप्रूव्ड प्रोजेक्ट की लिस्ट में ही नहीं था और NHAI ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर लिए। कैग की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारतमाला परियोजना-1 के तहत लगभग 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है। इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है। द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि दिल्ली से गुड़गांव जाना-आना आसान हो सके। इस समय इसके लिए NH-48 का इस्तेमाल होता है। उस पर लगभग हर समय जबरदस्त ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में NHAI को फ्री में जमीन भी मुहैया कराई है। हरियाणा सरकार की तरफ से 90 मीटर चौड़ी जमीन का राइट ऑफ वे पूरी तरह से फ्री दिया गया है। इतनी जमीन में 14 लेन का हाईवे आसनी से बन सकता है।

कैग के अनुसार प्रोजेक्ट कॉस्ट में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि वहां मैसिव स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। इस रिपोर्ट के बाद से विपक्ष के हाथ बैठे बिठाए मुद्दा लग गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।

कैग की इस रिपोर्ट के बाद अन्य राजनीतिक पार्टियां भी अध्ययन कर रही है। अगर रिपोर्ट सच है तो मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। विपक्ष इस मुद्दे को आगे बढ़ सकती है।

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