बाइडेन-जिनपिंग मुलाकात:अमेरिकी चिंताओं को जोरदार तरीके से उठाएंगे बाइडेन

भारत के साथ सीमा विवाद पर भी चर्चा होगी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार शाम को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मीटिंग करने जा रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि बाइडेन इस मुलाकात में चीन को लेकर अमेरिका की चिंताओं पर बात करेंगे। इस मीटिंग में भारत के साथ चीन के सीमा विवाद पर भी चर्चा हो सकती है।

दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की इस मीटिंग को लेकर साकी ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडेन निश्चित रूप से सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’ पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में तनाव बना हुआ है। बाइडेन साफ कर चुके हैं कि वे ताइवान, दक्षिण चीन सागर और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार हनन को लेकर चीनी रवैये से नाखुश हैं।

भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव बना हुआ है। पिछले साल यहां हिंसक झड़प हुई थी।

चीन में जबरन मजदूरी को रोकने की कोशिश
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता के मुताबिक चीन के साथ बाचतीत से पहले भी अमेरिका अपने स्तर पर वीजा प्रतिबंध, वित्तीय पाबंदियों, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कंट्रोल को लेकर एडवाइजरी जारी कर चुका है। वहीं, G-7 देशों को इस बात के लिए राजी किया जा रहा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन में जबरन मजदूरी का इस्तेमाल न हो।

अमेरिका को चीनी फैक्ट्रियों में मजदूरों से जबरन काम कराने की शिकायतें भी मिली हैं।

ग्लासगो मीटिंग के बाद बातचीत तय हुई
साकी ने कहा, ‘इस मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति चीन के सामने अपनी गंभीर चिंताओं को उठाएगा साथ ही उन मुद्दों पर भी बात करेगा, जिन पर उसकी चीन से असहमति हैं।’ हाल ही में ग्लासगो और स्कॉटलैंड में संयुक्त राष्ट्र जलवायु समिट में दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और क्लाइमेट चेंज रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन कम करने में तेजी लाने का ऐलान किया था।

ग्लासगो में क्लाइमेट समिट के दौरान जिनपिंग और बाइडेन के बीच बातचीत हुई थी।

एक्सपर्ट्स ने बनाई बातचीत की भूमिका
पिछले महीने व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीन के विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची ने इस साल के आखिर तक बाइडेन और जिनपिंग के बीच एक वर्चुअल बाचचीत के लिए समझौता किया था, हालांकि उस समय दोनों ही पक्ष इस बातचीत के लिए तारीख तय नहीं कर सके थे।

बाइडेन-जिनपिंग एक दशक से परिचित
बाइडेन और जिनपिंग के बीच रिश्तों का एक दशक से भी पुराना इतिहास है, जब दोनों ही अपने-अपने देशों के उपराष्ट्रपति थे। फरवरी के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी मुलाकात होगी। सितंबर में बाइडेन और जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ही इस मुलाकात की भूमिका बन गई थी।

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