आखिर भूपेंद्र सिंह चौधरी को ही क्यों सौंपी गई यूपी बीजेपी की कमान, जानिए

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उत्तर प्रदेश बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल गया है। बीजेपी ने आधिकारिक रूप से भूपेंद्र सिंह चौधरी के नाम की घोषणा कर दी है। पहले माना जा रहा था कि केशव प्रसाद मौर्य को राज्य में पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन अब आलाकमान ने दिग्गज जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी के के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। बीते दिन जब भूपेंद्र सिंह अचानक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंच गए थे तभी ये बात तय हो गई थी कि भूपेंद्र सिंह चौधरी ही यूपी के बीजेपी अध्यक्ष बनेंगे। अमित शाह के करीबी और बीजेपी में 30 साल से अलग-अलग पदों पर रहने वाले भूपेंद्र चौैधरी को अध्यक्ष बनाने के पीछे कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटरों को साधना है।

मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव:

1968 में मुरादाबाद के एक किसान परिवार में जन्मे भूपेंद्र चौधरी ने कॉलेज के दौरान ही राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। पहले विश्व हिंदू परिषद ज्वाइन किया और फिर बीजेपी में शामिल हो गए। 1999 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भूपेंद्र चौधरी तीन बार पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2016 में विधान परिषद सदस्य बनने के बाद 2017 में योगी सरकार में मंत्री बने. राज्य में दोबारा योगी सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री बनाए गए और पंचायती राज विभाग मिला।

पहले जाट नेता को मिली यूपी की कमान:

पश्चिमी यूपी के बड़े नेता भूपेंद्र चौधरी पहले जाट नेता हैं, जिन्हें यूपी में बीजेपी के अध्यक्ष पद की कमान मिली है। बीते दिन वह जब आजमढ़ और मऊ का अपना दौरा बीच में ही छोड़कर लखनऊ से दिल्ली रवाना हुए तभी ये बात साफ हो गई थी कि आलाकमान उनसे बात करके अंतिम मुहर लगाना चाहता है।

जाट वोटरों को मनाने का मिला इनाम:

भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट बिरादरी से आते हैं, उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कृषि कानूनों को लेकर जाटों के गुस्से को शांत करने में अहम भूमिका निभाई थी। जाट नेता के रूप में उनकी धाक का ही नतीजा था कि जाटों के गुस्सा होने के बावजूद भी बीजेपी की सीटों में कमी नहीं आई। बीजेपी में बड़े-बड़े नाम होने के बावजूद भी उनके पर दांव लगाना इस बात को साबित करता है।

2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया फइनाम:

भूपेंद्र सिंह को सरकार के अलावा संगठन में भी काम करने का लंबा अनुभव है। उनकी जाट समुदाय के बीच अच्छी पकड़ का फायदा बीजेपी को विधानसभा चुनाव में मिल चुका है। इसी कड़ी में 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी उनको उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का अध्यक्ष बना रही है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर निकलता है, ऐसे में बीजेपी यूपी में किसी भी तरह का रिस्क न लेते हुए भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला किया है।

त्रिपुरा के अध्यक्ष का भी ऐलान:

यूपी के बीजेपी अध्यक्ष के साथ ही पार्टी ने त्रिपुरा के अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान कर दिया है। राजीव भट्टाचार्य को त्रिपुरा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है।

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