भोपाल : कांग्रेस का आरोप, अब लेपटॉप के नाम पर नया फर्जीवाड़ा कर रही प्रदेश सरकार

भोपाल। मप्र में उपचुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस सत्ता वापसी की उम्मीद में पूरा जोर लगा रही है। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के कामों की तुलना भाजपा सरकार से करने के साथ ही भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के आरोप भी खूब लग रहे हैं। वहीं अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर लेपटॉप के नाम पर भी फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने सोमवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया कि अब लेपटॉप के नाम पर शिवराज सरकार बड़ा फर्जीवाड़ा करने जा रही है। इसकी खरीदी प्रक्रिया में जमकर अनियमितता है और इसको लेकर अजीबो-गरीब शर्त रखी गयी है। अब 10 साल पुराने प्रोसेसर का लेपटाप खरीदेंगे 19 हजार पटवारी? लेपटाप की बाज़ार की अनुमानित क़ीमत 20 हजार है लेकिन सरकार इसके लिये 50 हजार का भुगतान करेगी?

सलूजा ने बताया कि प्रदेश के सभी पटवारियों को सरकार ने लेपटाप देने की योजना बनाई है। जिसके तहत कुछ शर्तें भी तय की गई है। इसके लिए विभागीय आदेश जारी कर निर्देश दिया गया है कि 6वें जनरेशन के प्रोसेसर वाला लैपटॉप खरीदा जाएगा। आश्चर्य की बात यह है कि इसकी अनुमानित कीमत सिर्फ 20 हजार है और सरकार इसके लिये 50 हजार का भुगतान करेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-2013 में 6 जनरेशन के लैपटाप बनते थे। अब यह लैपटाप कंपनियों ने बनाना बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार 29 सितंबर को राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर लैपटाप खरीदी की शर्तें तय की है। जिसमें कहा गया है कि 6 जनरेशन के प्रोसेसर वाला ही लैपटाप खरीदा जाये, जो कि अब बंद हो गए हैं। मजे की बात है कि 8-10 साल पुराने लैपटाप की देखरेख भी महज 7 साल तय की गई है। यानि वर्षों पुराने प्रोसेसर के लैपटाप वर्ष 2020 में खरीदे जाएंगे और उनकी उम्र 7 सात तक वैध रहेगी। जबकि मौजूदा समय पर आई-9 और 10 प्रोसेसर के लैपटाप बाजार में बिक रहे हैं।

सलूजा ने कहा कि खास बात है कि जैम के जरिए लैपटाप खरीदा जाना था मगर सरकार ने पटवारियों को खुद ही खरीदने के लिए कहा है। जानकारों का कहना है कि ई-6 के लैपटाप बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पुराने ही लैपटाप की खरीदी होगी और भुगतान 50 हजार का ?

सलूजा ने कहा कि जिस लैपटाप को खरीदने के लिए सरकार ने शर्त तय की है वो सरकारी कामकाज के लिए उचित नहीं होंगे क्योंकि हैवी साफ्टवेयर को झेलने की क्षमता उनमें नहीं होगी। जबकि जैम के माध्यम से खरीदी होने पर शासन विभिन्न वेंडरों से बेहतर शर्तों पर कम कीमत पर ई-10 प्रोसेसर के लैपटाप खरीद सकती है लेकिन घोटालों, भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ों के लिये शिवराज सरकार जानी जाती है, इसलिये यह सब किया जा रहा है ताकि इसमें भी जमकर फर्जीवाड़ा किया जा सके।

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