जनसंख्या विस्फोट: 2100 में चीन को पछाड़ेगा भारत, पाकिस्तान के आंकड़े चौंकाने वाले.. हैरान करने वाली रिपोर्ट !

प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की ताजा रिपोर्ट ने जनसंख्या को लेकर भविष्य का जो खाका खींचा है, वह चौंकाने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2100 तक भारत की आबादी 1.5 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन की आबादी लगभग 63 करोड़ रह जाएगी। इससे यह साफ है कि आने वाले दशकों में भारत चीन से दोगुनी आबादी वाला देश बन जाएगा।
2061 तक जनसंख्या वृद्धि, फिर गिरावट
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जनसंख्या वर्ष 2061 तक बढ़ते हुए 1.7 अरब के करीब पहुंच जाएगी। इसके बाद जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट शुरू होगी और वर्ष 2100 तक यह घटकर 1.5 अरब हो जाएगी। इस समय तक चीन की आबादी में भारी गिरावट दर्ज होगी और यह 63 करोड़ तक सिमट जाएगी, जो वर्तमान की तुलना में आधे से भी कम है।
चीन की गिरती आबादी का कारण: वन चाइल्ड पॉलिसी
चीन में जनसंख्या की गिरावट का सबसे बड़ा कारण “वन चाइल्ड पॉलिसी” को माना जा रहा है। भले ही इस नीति को अब खत्म कर दिया गया हो, लेकिन इसका दीर्घकालिक असर साफ दिखने लगा है। लोग अब भी एक या दो बच्चों तक ही सीमित रहना पसंद कर रहे हैं, जिससे जनसंख्या वृद्धि रुक रही है।
भारत में युवाओं की संख्या घटेगी
हालांकि भारत आज एक युवा राष्ट्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन आने वाले समय में यह पहचान धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। वर्ष 2100 तक भारत में युवाओं की संख्या घटेगी, और बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ेगी। अनुमान है कि 2.4 अरब लोग 65 वर्ष से ऊपर की उम्र के होंगे।
दुनिया की औसत आयु होगी 42 साल
रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान में दुनिया की औसत आयु 31 साल है, जो वर्ष 2100 तक बढ़कर 42 साल हो जाएगी। इसका मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, जीवनशैली में बदलाव और तकनीकी विकास होगा।
जनसंख्या वृद्धि में इन 5 देशों की होगी 60% हिस्सेदारी
रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 75 वर्षों में दुनिया की जनसंख्या वृद्धि में 60% हिस्सेदारी पांच देशों की होगी:
- कांगो
- इथियोपिया
- नाइजीरिया
- पाकिस्तान
- तंजानिया
इन देशों में जनसंख्या नियंत्रण के उपायों की कमी और उच्च जन्म दर इसका मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
पाकिस्तान में आबादी का विस्फोट बरकरार रहेगा
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जनसंख्या नियंत्रण की कमी के कारण वहां जनसंख्या विस्फोट की स्थिति बनी रहेगी। वहां ना तो परिवार नियोजन पर जोर दिया जाता है और ना ही जागरूकता के पर्याप्त प्रयास किए जाते हैं।
अमेरिका छठवें स्थान पर फिसलेगा
अभी अमेरिका दुनिया का तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, लेकिन वर्ष 2100 तक यह छठे स्थान पर खिसक जाएगा। अमेरिका की जनसंख्या 42 करोड़ रहने की संभावना है।
जनसंख्या की दिशा बदल रही है
यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि जनसंख्या का केंद्र अब धीरे-धीरे एशिया से अफ्रीका की ओर खिसक रहा है। भारत की जनसंख्या भविष्य में भले ही स्थिर हो जाए, लेकिन चीन जैसी महाशक्ति की आबादी में भारी गिरावट निश्चित तौर पर वैश्विक शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगी।