“क्या यह एक राष्ट्र, एक पति योजना है?” सिंदूर बांटने पर बोले पंजाब सीएम भगवंत मान.. भाजपा के जवाब से बवाल !

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया है। मान ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या आप मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे? क्या यह एक राष्ट्र, एक पति योजना है?” उनकी इस टिप्पणी को भाजपा ने भारतीय सेना और वीर नारियों का अपमान बताया है और उनसे तत्काल इस्तीफे और माफी की मांग की है।

भगवंत मान का बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया

प्रेस कॉन्फ्रेंस में भगवंत मान ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर वोट मांग रही है। उन्होंने कहा, “ये लोग सिंदूर को मजाक बना रहे हैं। वे हर घर में सिंदूर भेज रहे हैं। क्या आप मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे? क्या यह एक राष्ट्र, एक पति योजना है?”

भाजपा ने इस बयान को असंवेदनशील और शर्मनाक करार दिया है। भाजपा पंजाब के प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं को उनकी धार्मिक पहचान, जैसे सिंदूर के आधार पर निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं का जवाब था। उन्होंने मान के बयान को सेना और पवित्र प्रतीकों का अपमान बताया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 7 मई को शुरू किया गया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।

राजनीतिक विवाद और मांग

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भगवंत मान की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे भारतीय सशस्त्र बलों और एक सफल सैन्य ऑपरेशन का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बार-बार अपनी भारत-विरोधी मानसिकता को उजागर करता है और मान के बयान को शर्मनाक और सेना का मनोबल तोड़ने वाला करार दिया। भाजपा ने जोर देकर कहा कि सीएम मान को अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए और तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

गर्माया राजनीतिक माहौल

भगवंत मान की टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। यह विवाद आगामी चुनावों के संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। अब देखना यह है कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके क्या राजनीतिक परिणाम होते हैं।

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