बंगाल सरकार ने चुनावी हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का किया विरोध

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने विधानसभा चुनाव से जुड़ी हिंसा (Post Poll Violence) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की हस्तक्षेप का विरोध किया है. राज्य सरकार ने कहा है कि इन मामलों की जांच या निगरानी फिलहाल कोलकाता हाईकोर्ट कर रही है. राज्य में हुई घटना को देखने का अधिकार हाईकोर्ट का है. सुप्रीम कोर्ट के पास पहले से ही हजारों लंबित मामले पड़े है. ऐसे में अदालत को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दाखिल हुई है, जिनमें चुनाव से जुड़ी हिंसा की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) से कराने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट से इन मामलों की निगरानी करने की मांग रखी गई है

याचिकाओं में कहा गया है कि चुनाव के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमले, हत्या और रेप की घटनाएं हुईं. इसके लिए टीएमसी और राज्य सरकार और पुलिस जिम्मेदार है.
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि सभी मामले की जांच पुलिस कर रही है. हाईकोर्ट मामलों की निगरानी कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में जो पीड़ित आए हैं, वो पुलिस के साथ जांच में सहयोग नहीं कर रहे है. वे याचिका का दायरा बढ़ाते जा रहे है.

इस बीच दो महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर गैंगरेप का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि उनके साथ ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ, क्योंकि वो बीजेपी की कार्यकर्ता हैं.

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