“मेरा वाला गाना बजेगा..” और भिड़ गए दो गुट, ताबड़तोड़ चले लाठी-डंडे.. गाड़ियां कर दी गई आग के हवाले

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में होली स्टाइल “डांस पार्टी” के दौरान गानों की मांग पर दो समूहों के बीच वाद-विवाद भड़क गया। विवाद इतना तेज़ हुआ कि लाठी-पत्थर चले, ईंट फेंकी गई, और उनमें से दो—एक बोलेरो जीप और एक बाइक—भी जला दी गईं। इस हिंसा में कम से कम 9 लोग घायल हो गए और सड़क पर करीब दो घंटे तक यातायात ठप रहा।
घटना का समय और स्थान
यह घटना मंगलवार को बस्ती-डुमरियागंज मार्ग के समीप हुई, जब लोकल “डांस पार्टी” चल रही थी। किसी गाने की मांग न मानी जाने पर दो गुट आमने-सामने आ गए और धीरे-धीरे हिंसा का रूप ले लिया।
लाठी-पत्थर और ईंट-पथराव
दोनों पक्षों में झड़प भड़कने लगी। लोगों ने लाठी, डंडे, रॉड और ईंट-पत्थर का इस्तेमाल किया। एक बाइक सवार गुट ने विरोधी गुट की बोलेरो जीप और बाइक को आग के हवाले कर दिया—जिससे आसपास मौजूद अन्य वाहन व स्थानीयों में अफरा-तफरी मच गई।
घायलों की स्थिति
हिंसा की चपेट में आने से कुल 9 व्यक्ति घायल हुए। घायलों में गंभीर-से-मध्यम चोट वाले लोगों का उपचार स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है। घायल कुछ लोग ईंट-पत्थर लगने से आई चोटों के अलावा डगमगाती भीड़ के बीच फिसलने से भी जख्मी हुए।
सड़कों पर ट्रैफिक ठप
इस हिंसक झड़प की वजह से बस्ती-डुमरियागंज मार्ग पर करीब दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। इलाके में अफरा-तफरी और यातायात बाधित होना आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बना।
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुँचकर दोनों समूहों को अलग किया और कोई बड़ा हादसा टल गया। लेकिन घटना में शामिल कुछ स्थानीय व्यक्ति मौके से फरार हो गए। पुलिस ने CCTV फुटेज और गवाहों के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, और आरोपियों की पहचान की कोशिश कर रही है।
घटना की सामाजिक व कानूनी अहमियत
यह मामला दिखाता है कि मनोरंजन के हिरण को लेकर छोटी बात कैसे व्यापक हिंसा में बदल सकती है।
सार्वजनिक आयोजनों में उचित नियंत्रण व सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत बढ़ गई है।
स्थानीय प्रशासन व पुलिस की तत्परता पर जनता की निगाहें टिकी हुई हैं कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोकते हैं।
बस्ती की यह घटना मनोरंजन स्थल पर हुई मामूली सी विवाद से हिंसा तक पहुंचने की एक उदाहरण है। दो वाहन जला देना और 9 लोग घायल होना बताता है कि पीसफुल इवेंट्स में भी कब माहौल बिगड़ जाए, कोई उम्मीद नहीं लगाई जा सकती। पुलिस की तुरंत प्रतिक्रिया ने बड़े नुकसान से बचा लिया, लेकिन पीड़ितों को न्याय और दोषियों को सज़ा दिलाना अब एक बड़ी चुनौती बन चुका है।