बसताड़ा लाठीचार्ज मामला:मृतक सुशील काजल के परिवार के बेटे-बहू को शुगर मिल में दी नौकरी;

MA पास साहिल को क्लर्क और B.Com. पास को रितु को अकाउंट ब्रांच में लगाया

मृतक के परिवार के दो सदस्याें को मिली नौकरी।

हरियाणा के जिले करनाल में बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज में मृतक सुशील के परिवार के दो सदस्यों को सोमवार को नौकरी मिल गई। प्रशासन ने दोनों को शुगर मिल में ज्वॉइन करवाया। MA पास बेटे साहिल को क्लर्क पद पर तैनाती करते हुए डिस्पैच विभाग में नियुक्त किया। वहीं B.Com. पास पुत्रवधू को अकाउंट विभाग में लगाया गया।

10 सितंबर की रात 9:30 बजे तक चली प्रशासन व किसानों के बीच की वार्ता में तय हुआ था कि मृतक सुशील के परिवार को दो नौकरियां सेंक्शन डीसी पद पर दी जाएंगी। इस मांग को सात दिन में पूरा कर दिया जाएगा। प्रशासन इन सात दिनों को वर्किंग दिनों में काउंट कर रहा है। ऐसे में सात दिन सोमवार को ही पूरे हो रहे हैं। सोमवार को ही प्रशासन ने वायदे के मुताबिक शुगर मिल में नौकरी दे दी।

अब परिवार में 4 सदस्य…
मृतक सुशाील काजल के पिता के पास छह एकड़ जमीन थी। चारों भाइयों में डेढ़ एकड़ एक के हिस्सा में आई। सुशील के जाने के बाद उसके परिवार में चार सदस्य हैं। बुजुर्ग माता, पत्नी, बेटा व पुत्रवधू। सुशील ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। इसके बाद खेती कर परिवार का गुजारा चला रहा था। साहिल की वर्ष 2019 में करनाल निवासी रितू से शादी हुई थी। इसी दौरान सुशील की बहन की भी शादी हो गई है। जो अपनी ससुराल में है।

मृतक सुशील काजल। (फाइल फोटो)

सुशील की तबियत ठीक नहीं थी…
परिजनों ने बताया कि 28 अगस्त को जब सुशील बसताड़ा टोल पर हुए लाठीचार्ज से घर पर आया तो उसके कपड़े मिट्‌टी से सने थे। उन पर खून के छींटे भी लगे थे। तबियत भी ठीक नहीं थी। लाठीचार्ज के दौरान लगी चोटों के कारण उसकी मौत हुई है।

कब क्या हुआ, जानिए…
28 अगस्त को करनाल शहर में सीएम मनोहर के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय संगठन की बैठक थी। इस दिन पूरे शहर को प्रशासन व पुलिस ने नाकाबंदी करते हुए बंद कर रखा था। इस दौरान बसताड़ा टाेल पर भी नाका लगा था। वहां पर मौजूद किसानों ने शांंतिपूर्वक विरोध के लिए शहर में जाना चाहा। पुलिस ने उन्हें वहीं पर रोका तो उन्हाेंने हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम खुलवाने के लिए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया। इसी दौरान डयूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा का सिर फोड़ने के बयान का वीडियो वायरल हुआ। 29 को रायपुर जाटान निवासी सुशील काजल की मौत हो गई। 30 अगस्त को किसानों ने घरौंडा की अनाज मंडी में महापंचायत कर तीन मांगें सरकार के सामने रखीं। जिन्हें पूरा करने का सात दिन का समय दिया। मांगें पूरी न होने पर 7 सितंबर को अनाज मंडी करनाल में महापंचायत के बाद सचिवालय का घेराव किया गया। 10 सितंबर की रात को प्रशासन व किसानों के बीच समझौता हो गया। जिसे 11 सितंबर को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुनाया गया।

Related Articles

Back to top button