बाराबंकी सड़क दुर्घटना: चालीस यात्रियों की क्षमता वाली बस में बिठाए थे सौ यात्री, होगी कार्यवाही

बाराबंकी,  अयोध्या-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क हादसे में 18 बस यात्रियों की हुई मौत ने सभी के दिलों को झकझोर कर रख दिया है। यह यात्री हरियाणा के अम्बाला शहर से एक निजी बस में सवार होकर हिसार पहुंचे थे। हिसार से बिहार जाने वाली बस में यह यात्री उस वॉल्वो बस में सवार हुए जो पहले से ही फुल हो चुकी थी। यात्रियों के मुताबिक 40 लोगों की क्षमता वाली इस बस में जबरन सौ यात्री ठूंस दिए गए।

इस हादसे में बचे यात्रियों का कहना है कि वे इस बस में बैठने से इनकार कर रहे थे लेकिन बस के संचालकों ने डण्डे मार-मार कर उन्हें जबरन बस में बैठाया। बिहार जा रही इस बस के यात्रियों की मौत शायद बाराबंकी में लिखी थी। इस घटना में एनएचएआई भी कम दोषी नहीं है क्योंकि घटना के चार घंटे बाद तक उनकी क्रेन मौके पर नहीं पहुंची और लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता रहा।

ट्रक ने पीछे से बस में मारी टक्कर

हरियाणा से बिहार जा रही बस ने जब उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद के राम सनेही घाट थाना इलाके में कल्याणी नदी को देर रात पार किया तो बस का एक्सेल टूट गया। करीब चार घंटे तक अयोध्या-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस खड़ी रही और कुछ यात्री उतरकर सड़क किनारे बैठ गये और कुछ बस में बैठे रहे। इसी बीच लखनऊ की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने बस में पीछे से टक्कर मार दी। बस के अन्दर बैठे 18 यात्रियों की मौत हो गयी और दो दर्जन से ज्यादा यात्री गम्भीर रूप से घायल हो गए।

बिहार के रहने वाले थे मृत यात्री

यात्रियों के मुताबिक वह लोग बिहार के रहने वाले हैं और हरियाणा से अपने घर जा रहे थे। अम्बाला से जिस बस में वह लोग बैठे वह उन्हें हिसार तक लायी और वहां खड़ी एक बस के हवाले कर दिया। जिस बस में उनसे बैठने के लिए कहा गया उसमें पहले से ही यात्रियों की संख्या पूरी हो चुकी थी, जब इन लोगों ने बस में बैठने से इनकार किया तो बस संचालकों ने किराए के लालच में डण्डे मार-मार कर 40 यात्रियों की क्षमता वाली इस बस में सौ यात्रियों को जबरन भर दिया।

पुलिस अधीक्षक बोले

बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि उनकी प्राथिमकता शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंपना और घायलों का उचित उपचार करना है। इसके बाद यह देखा जाएगा कि बस खराब होने के चार घंटे बाद भी एनएचएआई की क्रेन मौके पर क्यों नहीं पहुंची। इसके बाद यह भी देखा जाएगा कि बस संचालकों ने जबरन इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को क्यों बैठाया। जांच के बाद इन पर कार्यवाही की जाएगी।

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