निर्वाचन आयोग ने शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी लगाई रोक

शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगी रोक, जानें वजह

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों के सामने आ जाने के बाद राजनीतिक सियासत में हलचल मच गई है. ऐसे में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की चुनाव ड्यूटी लगाने पर रोक लगाई है. आयोग के इस आदेश के बाद मतदान दल गठन की करीब पूरी तैयारी कर चुके जिला निर्वाचन अधिकारियों की परेशानी को बढ़ा दिया है.

निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला को निर्देश दिए हैं कि मंडलीय पूल से प्राप्त कर्मियों का पूरा उपयोग होने के बाद ही शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि जहां तक संभव हो इन्हें आरक्षित पूल में रखा जाए. खासतौर पर शिक्षा मित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में ही नियुक्त करने के निर्देश दिए है.

कोविड गाइडलाइन के मुताबिक मतदान केन्द्रों की बढ़ी संख्या

यूपी में कोविड गाइडलाइन के अनुसार मतदान केंद्रों का गठन होने से मतदान केंद्रों की संख्या लगभग 11 हजार बढ़ गई है. 1.74 लाख मतदान केंद्रों पर चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए पहले ही कर्मचारियों की कमी थी. ऐसे में 1.37 लाख शिक्षा मित्रों, 27 हजार से अधिक अनुदेशकों, 1.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 35,248 रोजगार सहायकों को चुनाव ड्यूटी से बाहर रखने के निर्देश से मतदान दल गठन को काफी मुश्किल होगी. उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग शिक्षा मित्रों के साथ सही व्यवहार नहीं कर रही है.

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