अवतार सिंह भड़ाना ने बताया पश्चिमी यूपी की किस सीट से लड़ेंगे चुनाव, जानिए

जेवर निर्वाचन क्षेत्र से सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार होने की संभाव

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनितिक हलचल शुरु चुका है। वही चुनाव के कुछ दिन ही बचे हैं । वही नेताओं का एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी को ज्वाईन करने का सिलसिला जारी हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की मीरपुर विधानसभा सीट से भाजपा के निलंबित विधायक अवतार सिंह भड़ाना राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं। जेवर निर्वाचन क्षेत्र से सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार होने की संभावना है।

अवतार सिंह समाजवादी और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी होंगे। भड़ाना चार बार के सांसद हैं, जो तीन बार फरीदाबाद से और एक बार मेरठ से कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं। भाजपा के विधायक रहते हुए अवतार भड़ाना ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की फरीदाबाद सीट से कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और मौजूदा केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से रिकार्ड मतों से हार गए। भड़ाना ने कहा कि वह कड़ी टक्कर के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि मैं गठबंधन से लड़ूंगा। जेवर सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत रालोद के पास आई है और मैं रालोद के चुनाव चिह्न पर लड़ूंगा। गठबंधन को सरकार बनाने के लिए पश्चिमी यूपी क्षेत्र को जीतने की जरूरत है और इसलिए मैं भाजपा द्वारा जीती गई सीटों की संख्या को कम करने में मदद करने आया हूं। ‘

गौतमबुद्धनगर में आना जाना बढ़ा

विधानसभा चुनाव की तैयारी होते ही पूर्व सांसद व भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना का गौतमबुद्धनगर में आना जाना बढ़ता गया था। कई बार वह जेवर विधानसभा के गांवों में भी पहुंचे। जहां जाट व गुर्जर बिरादरी के लोगों के कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्होंने पहले ही साफ जाहिर कर दिया था की वह जेवर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व में इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री वेदराम भाटी को हराया। गठबंधन के बाद अब बताया जा रहा है की नोएडा सपा व जेवर रालोद के खाते में जा रही है।

भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए

22 सितंबर 2021 को गौतमबुद्धनगर के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर हटा दिया। जिसके बाद गुर्जर भड़क गए। योगी सरकार के खिलाफ गुर्जर बगावत पर उतर आए। अगले दिन चिटहेरा गांव में 25 हजार से अधिक गुर्जरों की पंचायत हुई। जिसमें अवतार सिंह भड़ाना भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। भाजपा विधायक भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए।

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