AUKUS समझौते वाली पनडुब्बी:पहले ही तीसरे देश को तकनीक लीक कर चुका था US नेवी इंजीनियर,

FBI ने जाल बिछाकर गिरफ्तार किया

अमेरिका-ब्रिटेन की तरफ से ऑस्ट्रेलिया के साथ जिस AUKUS समझौते के चलते चीन से लेकर फ्रांस तक नाराज हो गए हैं, उस समझौते के तहत दी जाने वाली वर्जीनिया क्लास परमाणु पनडुब्बी की तकनीक का कुछ हिस्सा पहले ही तीसरे देश को लीक हो चुका है। यह काम US नौसेना के एक न्यूक्लियर इंजीनियर जोनाथन तोएब्बे और उसकी पत्नी ने किया है। इस बात का खुलासा रविवार को खोले गए सीलबंद अदालती दस्तावेजों से हुआ है।

रूस और चीन तक पहुंची अहम जानकारी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालती दस्तावेजों में FBI या न्याय विभाग ने इस बात का ब्यौरा नहीं दिया है कि पनडुब्बी तकनीक की गोपनीय जानकारी का कितना हिस्सा दूसरे देश को लीक किया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सौदेबाजी करने के लिए तकनीक का कुछ ही डाटा लीक किया गया है। डाटा हासिल करने वाले तीसरे देश का नाम भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय से US पनडुब्बी की संचालन तकनीक का ब्यौरा पाने की कोशिश कर रहे चीन और रूस जैसे विरोधी देश यह सौदेबाजी कर रहे थे, जबकि कुछ ने कहा है कि यह प्रस्ताव अमेरिका के एक मित्र देश ने ही नौसेना इंजीनियर को दिया था।

नेवल ऑपरेशंस चीफ के ऑफिस से लीक हुआ डाटा
रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह डाटा US नेवल चीफ ऑफ ऑपरेशंस के ऑफिस से लीक हुआ। उन्होंने बताया कि आरोपी इंजीनियर तोएब्बे के पास परमाणु इंजीनियरिंग में उच्च स्तरीय मंजूरी थी। उसके सर्विस रिकॉर्ड के हिसाब से वह नौसेना रिजर्व के सदस्य के तौर पर 15 महीने तक चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशंस के कार्यालय में तैनात रह चुका है।

FBI के हलफनामे के मुताबिक, तोएब्बे ने 2017 में एक प्राइवेट इंजीनियर के तौर पर सेना के लिए काम शुरू किया था। उसे नौसेना में अधिकारी के तौर पर तैनाती दी गई और नौसेना रिजर्व में जाने से पहले वह लेफ्टिनेंट की रैंक तक पहुंच चुका था। यहां से उसने दिसंबर, 2020 में इस्तीफा दिया था और इसी महीने में FBI ने उस पर शक होने के चलते अपने एजेंट को ग्राहक बनाकर संपर्क किया था। तोएब्बे दंपती FBI एजेंट को विदेशी ताकत का नुमाएंदा मानते रहे और छोटे डिजिटल कार्ड में गोपनीय जानकारी ऐसी वेबसाइटों पर अपलोड करने के लालच में फंस गए, जहां से उस जानकारी को आसानी से हासिल किया जा सके।

फ्रांस के एक नेवी बेस पर सबमरीन को तैयार किया जाता है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को हवा नहीं, दूसरे देश ने दी जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को तोएब्बे के पनडुब्बी डाटा बेचने की कोशिशों की जानकारी ही नहीं थी। अमेरिका के एक मित्र देश की खुफिया एजेंसी ने अप्रैल 2020 में एक एनक्रिप्टेड पैकेज इंटरसेप्ट किया, जिसमें एक अन्य देश को पनडुब्बी के ऑपरेशनल मैनुएल, तकनीकी ब्यौरे के साथ एक गोपनीय संबंध शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया था। उस देश ने यह पैकेज FBI के एक लीगल अटैचे को सौंप दिया, लेकिन FBI को यह पैकेज दिसंबर में मिला।

क्रिप्टोकरेंसी के बदले सीक्रेट डाटा देने का था प्रस्ताव
FBI ने पैकेज में मौजूद एनक्रिप्टेड मैसेज को हल किया तो उसे भेजने वाले ने 100,000 डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी के बदले नौसेना का गोपनीय डाटा देने का प्रस्ताव रखा था। FBI ने क्रिप्टोकरेंसी देकर जानकारी लेने का लालच देकर पैकेज भेजने वाले को पश्चिमी वर्जीनिया में एक जगह पर बुलाया तो वहां मौके पर तोएब्बे और उसकी पत्नी डायना तोएब्बे पहुंचे और एक प्लास्टिक बैग में सैंडविच के अंदर छिपाए SD कार्ड में जानकारी छोड़कर चले गए। इसके बदले तोएब्बे को FBI एजेंट ने 20000 डॉलर दिए।

इसके बाद एक बार पेनिसिल्वेनिया और एक बार वर्जीनिया में FBI एजेंट को तोएब्बे ने इसी तरीके से जानकारी सौंपी। इस दौरान तोएब्बे की तरफ से दी गई जानकारी उसने पश्चिमी मिफ्फलिन में मौजूद गोपनीय लैब बेट्टिस एटॉमिक पावर में रहते हुए हासिल की थी। FBI और नेवल क्रिमिनल इंवेस्टीगेटिव सर्विस ने तोएब्बे और डायना को शनिवार को उनके घर से गिरफ्तार किया था और अब उन्हें मंगलवार को मार्टिंसबर्ग की अदालत में पेश किया जाएगा।

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