तलाक के बाद 4 बाल्टी दूध से नहाया पति.. खुशी से नाचा, कहा – “अब मैं आज़ाद हूँ!”.. वजह हैरान कर देगी

असम के नलबाड़ी ज़िले से एक अनोखी और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से तलाक के बाद 40 लीटर दूध से स्नान कर ‘आजादी’ का उत्सव मनाया। उसका कहना है कि पत्नी दो बार प्रेमी संग भाग चुकी थी और अब तलाक के बाद वो मानसिक रूप से स्वतंत्र महसूस कर रहा है। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिस पर यूज़र्स की प्रतिक्रियाएं बंट गई हैं।
मनिक अली की कहानी: धोखे से लेकर आज़ादी तक
बरालियापर गांव निवासी मनिक अली ने वीडियो में बताया कि उसकी पत्नी दो बार किसी और व्यक्ति के साथ घर से भाग गई थी। बार-बार समझाने और परिवार को बचाने की कोशिश के बाद भी जब बात नहीं बनी, तो दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। मनिक ने इसे “नया जीवन शुरू करने” का मौका बताया।
दूध से स्नान: प्रतीकात्मक शुद्धि या सोशल स्टेटमेंट?
तलाक के बाद मनिक अली ने चार बाल्टी यानी लगभग 40 लीटर दूध से खुद को नहलाया और जोर से कहा – “अब मैं आज़ाद हूँ!”
यह दृश्य गांव वालों और ऑनलाइन दर्शकों के लिए चौंकाने वाला था, लेकिन खुद मनिक का कहना है कि यह सिर्फ सेलिब्रेशन नहीं बल्कि आत्मशुद्धि का प्रतीक है। दूध को उन्होंने “नए जीवन की शुरुआत” का संकेत बताया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं –
कुछ यूज़र्स ने इसे “मेंटल फ्रीडम” करार दिया और मनिक की हिम्मत की तारीफ की।
वहीं, कई यूज़र्स ने लिखा कि “इतना दूध किसी ज़रूरतमंद को दे देते, तो पुण्य मिलता।”
एक यूज़र ने व्यंग्य करते हुए लिखा – “इतना खुश तलाक पर कोई होता है क्या?”
गांव में चर्चा: परंपरा से हटकर कदम
बरालियापर गांव में लोग इस वायरल वीडियो पर बात कर रहे हैं। कई बुज़ुर्गों ने इसे “परंपराओं के खिलाफ” बताया, तो कुछ युवाओं ने इसे “नई सोच” और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक बताया। गांव के एक व्यक्ति ने कहा –
“पहले दुख मनाया जाता था, अब तलाक पर लोग नाचते हैं। दुनिया बदल रही है।”
क्या कहता है समाज और मनोविज्ञान?
सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे एक्सप्रेशन आंतरिक दर्द का अनूठा तरीका हो सकते हैं। भारत जैसे देश में जहां तलाक को अब भी ‘कलंक’ की तरह देखा जाता है, वहाँ ऐसे वीडियो एक नई सोच को सामने ला रहे हैं।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता या वायरल दिखावा?
मनिक अली की यह हरकत चाहे प्रतीकात्मक आज़ादी का प्रदर्शन हो या सोशल मीडिया के लिए किया गया स्टंट—इसने समाज में तलाक और रिश्तों को देखने के तरीके पर एक नई बहस छेड़ दी है। अब सवाल उठता है: क्या यह स्वतंत्रता का इजहार है या “वायरल होने का जुनून”?
जो भी हो, एक बात साफ है – अब तलाक सिर्फ दस्तावेज़ी प्रक्रिया नहीं, कुछ लोगों के लिए ‘सेलिब्रेशन’ भी है।