असम के CM हिमंत बिस्‍व सरमा ने ड्रग्‍स पर खुद चलाया बुलडोजर

गुवाहाटी. असम (Assam) में हर साल बड़ी मात्रा में ड्रग्‍स (Drugs) पकड़ी जाती हैं. राज्‍य में ड्रग्‍स का अवैध कारोबार भी करोड़ों रुपये का है. असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा (Himanta Biswa Sarma) इस ड्रग्‍स कारोबार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. अब उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पुलिस द्वारा पकड़ी गई ड्रग्‍स के ऊपर खुद ही बुलडोजर चलाकर उसे नष्‍ट कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह वीडियो असम के नागांव का है. वहां मुख्‍यमंत्री ने ‘सीज्‍ड ड्रग्‍स डिस्‍पोजल’ नामक कार्यक्रम के दौरान ड्रग्‍स पर बुलडोजर चलाया.

इससे पहले मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा ने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ तस्‍वीरें भी शेयर की थीं. इसमें उन्‍होंने बताया था कि होजाई में ‘सीज्‍ड ड्रग्‍स डिस्‍पोजल’ कार्यक्रम के तहत ड्रग्‍स को जलाया गया है. इस दौरान 353.62 ग्राम हेरोइन, 737.73 किलो गांजा और 45,843 नशीली टैबलेट को आग लगाई गई.

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने रविवार को कहा था कि राज्य में अवैध मादक पदार्थों का व्यापार सालाना पांच हजार करोड़ रुपये का है. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस से ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री ने ड्रग्स की लत से मुक्त हुए लोगों के उचित पुनर्वास की जरूरत को रेखांकित किया और इस संबंध में स्वास्थ्य तथा सामाजिक कल्याण विभागों को साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया. नगांव जिले के बरहमपुर में जब्त किए गए मादक पदार्थों के निस्तारण के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘इस साल 10 मई से 15 जुलाई के बीच 163 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए गए. मान लीजिए कि अगर यह हर महीने राज्य से तस्करी कर ले जाये जाने वाले ड्रग्स का 20 प्रतिशत है तो असम में हर साल कम से कम पांच हजार करोड़ रुपये के अवैध मादक पदार्थ का व्यापार होता है.’

उन्होंने कहा कि पूरा पैसा असम के बाहर जाता है और इसका कोई कर नहीं चुकाया जाता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ड्रग्स के आदी लोगों द्वारा मादक पदार्थ खरीदने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा पैसा परिवारों की भलाई की कीमत पर आता है.उन्होंने कहा, ‘अगर एक परिवार का एक व्यक्ति भी ड्रग्स की लत का शिकार होता है तो पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है. नशे की लत का शिकार व्यक्ति अपने घर से पैसा चुराता है या परिवार के सदस्यों को परेशान कर उनसे पैसा लेता है. और अंत में बहुत से लोग अपराध या असामाजिक गतिविधियों में शामिल होते हैं.’

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