गोवा में भंडारी जाति की राजनीति:केजरीवाल के मास्टर स्ट्रोक से BJP, कांग्रेस सब मुश्किल में,

जानें क्यों भंडारी के बिना जीत मुश्किल

करीब 18 लाख की आबादी वाले देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में अरविंद केजरीवाल के एक दांव ने BJP, कांग्रेस, ममता बनर्जी सहित तमाम छोटे दलों को भी मुश्किल में डाल दिया है।

गोवा के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि चुनाव के पहले किसी राजनीतिक पार्टी ने ये घोषणा कर दी है कि, उनका CM भंडारी समुदाय (OBC) और डिप्टी CM कैथोलिक समुदाय से होगा।

साल 1961 में गोवा के लिबरेशन से लेकर अभी तक सिर्फ एक बार भंडारी कम्युनिटी से CM रवि नाईक रहे हैं, वो भी ढाई साल। आखिर ये कम्युनिटी गोवा में इतनी जरूरी क्यों हैं, आप ने ये घोषणा क्यों की और इससे दूसरी पार्टियां फिक्र में क्यों आ गई हैं, जानिए इस रिपोर्ट में।

गोवा में हर तीसरा भंडारी…

साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, गोवा में सबसे ज्यादा हिंदू 66%, क्रिश्चियन 25% और मुस्लिम 8.33% हैं। बाकी सिख, जैन और बुद्धिस्ट हैं।

हिंदूओं में शामिल ओबीसी को 27% रिजर्वेशन मिला हुआ है। इस 27% में करीब 60% भंडारी कम्युनिटी है। हिंदूओं की जो 66% पॉपुलेशन है, उसमें करीब 20 से 22% पॉपुलेशन भंडारी कम्युनिटी की है।

इसी तरह क्रिश्चियन 25% हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बीते 10 सालों यह बढ़कर 35% तक पहुंच चुके हैं। इन आंकड़ों से ये तय है कि जिस भी पार्टी के साथ भंडारी और क्रिश्चियन आ गए, उसकी जीत का रथ शायद ही कोई रोक पाए।

आप को सर्वे में पता चला भंडारी और क्रिश्चियन जरूरी

ऐसा नहीं है कि जाति की राजनीति गोवा में पहले कभी हुई नहीं। गोवा तो जब से भारत का हिस्सा बना है, तब से ही वहां जाति की राजनीति हो रही है लेकिन पहली बार ये खुलकर सामने आ गई है।

आम आदमी पार्टी ने एक सर्वे करवाया है, जिसमें पता चला है कि यदि हर सीट पर उन्हें भंडारी और क्रिश्चियन कम्युनिटी के वोट मिलते हैं तो उनका कैंडीडेट जीत सकता है।

वहीं BJP मौजूदा CM प्रमोद सावंत के चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रही है, जो मराठा कम्युनिटी से आते हैं। भंडारी के बाद मराठाओं की दूसरी बड़ी आबादी गोवा में है।

कांग्रेस का नेतृत्व दिगंबर कामत के पास है, जो अपर कास्ट से आते हैं। TMC के पास अभी लुईजिन्हो फलेरियो हैं, जो लोअर कास्ट से हैं। मतलब राज्य की सबसे बड़ी भंडारी कम्युनिटी से CM कैंडीडेट किसी के पास नहीं है।

आम आदमी पार्टी ने इसी पर दांव खेला है। BJP में भंडारी कम्युनिटी से आने वाले गोवा के सबसे बड़े नेता श्रीपद नाईक हैं, लेकिन वे केंद्र में मंत्री हैं।

गोवा में 1961 से ही हो रही जाति की राजनीति

गोवा की राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले जर्नलिस्ट किशोर नाइक गांवकर के मुताबिक, पुर्तगाली शासन में अपर कास्ट के लोग प्रशासन में थे और उन्होंने अपनी जमीन-जायदाद सुरक्षित रखीं जबकि लोअर कास्ट पर अत्याचार हुआ।

वहीं से लोअर कास्ट और अपर कास्ट की राजनीति शुरू हो गई थी। गोवा की मुक्ति के बाद भी कांग्रेस वहां सरकार नहीं बना सकी क्योंकि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सुवर्ण कर रहे थे।

पहले CM महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के नेता दयानंद बंदोदकर बने क्योंकि वे पिछड़ों का नेतृत्व करते थे। बड़ी जद्दोजदह के बाद पहली बार कांग्रेस की सरकार साल 1980 में आ सकी, लेकिन साल 2000 में BJP ने कांग्रेस को सत्ता से हटा दिया, क्योंकि मनोहर पर्रिकर भंडारी कम्युनिटी को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हुए थे, जिसे कांग्रेस ने अनदेखा कर दिया था। उन्होंने भंडारी कम्युनिटी से कई को मंत्री भी बनाया।

हालांकि 2005 में पर्रिकर की सरकार गिर गई और फिर कांग्रेस सत्ता में आ गई, लेकिन 2012 में BJP ने दोबारा वापसी की और अभी तक सरकार में बनी हुई है।

सबसे बड़ी कम्युनिटी को इतने सालों तक रिप्रेजेंटेशन क्यों नहीं दिया

आप के नेता और भंडारी कम्युनिटी से आने वाले अमित पालेकर कहते हैं, गोवा का हर तीसरा बंदा भंडारी कम्युनिटी से आता है। फिर भी इस कम्युनिटी को वाजिब रिप्रेजेंटेशन कभी नहीं मिला।

जो लोग हम पर जाति की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि सबसे बड़ी कम्युनिटी को अनदेखा करके जाति की राजनीति तो इतने सालों से वो लोग करते आ रहे थे।

अब हम पिछड़ों को ताकत देना चाहते हैं तो वो हमारे खिलाफ खड़े हो गए हैं और इससे दिक्कत किसी को नहीं है, सिवाय सत्ताधारी BJP के।

पालेकर कहते हैं CM भंडारी कम्युनिटी से होगा, अब कौन होगा ये आने वाले दिनों में सबको पता चल जाएगा। गोवा के CM प्रमोद सावंत का कहना है कि, BJP जाति की राजनीति नहीं करना चाहती। हम लोगों को बांटकर नहीं बल्कि डेवलपमेंट पर राजनीति करना चाहते हैं।

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