आपातकालीन ऋण गारंटी योजना में अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ की व्यवस्था मंजूर

नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था को मंजूरी प्रदान की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। पहले इस योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये थे। वर्तमान में इसके तहत लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज स्वीकृत किये जा चुके हैं। डेढ़ लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने से अब 4.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया जा सकेगा। योजना की अवधि 30 सितंबर 2021 तक होगी।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में आये व्यवधान को देखते हुये, सरकार ने ईसीएलजीएस का दायरा बढ़ाया है। इस विस्तार से ऋणदाता संस्थानों को कम लागत पर 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहन के द्वारा अर्थव्यवस्था के विविध क्षेत्रों को बहुप्रतीक्षित राहत मिलने का अनुमान है, जिससे व्यावसायिक उपक्रमों के लिए अपनी परिचालन जिम्मेदारियां पूरी करना और अपने कारोबार को जारी रखना संभव होगा।

मंत्रिमंडल ने कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए कर्ज गारंटी योजना (एलजीएससीएएस) के विस्तार को भी स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत स्वास्थ्य/चिकित्सा अवसंरचना से संबंधित परियोजनाओं के विस्तार और नयी परियोजनाओं को वित्तीय गारंटी कवर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 50,000 करोड़ रुपये तक का वित्तपोषण उपलब्ध कराया जायेगा।
मंत्रिमंडल ने बेहतर स्वास्थ्य से संबद्ध अन्य क्षेत्रों/ऋणदाताओं के लिए भी एक योजना शुरू करने को स्वीकृति दी है जिसके विस्तृत तौर-तरीकों को बाद में अंतिम रूप दिया जायेगा।

एलजीएससीएएस से स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को मजबूत बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। एलजीएससीएएस का मुख्य उद्देश्य आंशिक रूप से कर्ज जोखिम (मुख्य रूप से निर्माण जोखिम) खत्म करना है और सस्ती ब्याज दरों पर बैंक कर्ज उपलब्ध कराना है। अतिरिक्त अस्पताल बिस्तर, आईसीयू, डायग्नोस्टिक सेंटर, ऑक्सीजन सुविधाएं, टेलीफोन या इंटरनेट आधारित स्वास्थ्य परामर्श और पर्यवेक्षण, जांच सुविधाएं और आपूर्ति, वैक्सीनों के लिए कोल्ड चेन सुविधाएं, दवाइयों और वैक्सीनों के लिए आधुनिक वेयरहाउस, मरीजों के लिए आइसोलेशन सुविधाएं, सीरिंज और इंजेक्शन आदि जैसी सहायक आपूर्तियों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए इसके तहत ऋण लिया जा सकता है।

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