यूक्रेनी सैनिकों पर गिरी गाज, रूस के हमलों के अलावा अब फ्रंट लाइन पर ये बड़ा दुश्मन तैयार

अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर न छोड़ने के लिए तैयार 35 वर्षीय यूक्रेनी सैनिक ने कहा कि ये एक मुसीबत है, पर हम अपने पोस्ट को छोड़ नहीं सकते. फ्रंट लाइन के आसपास लगातार बारिश हो रही है. तापमान नीचे गिर रहा है.

सिर्फ यूक्रेन की हालत ऐसी नहीं है, सीमा उस पार रूस के सैनिकों को भी यही दिक्कत झेलनी पड़ रही है. रूस-यूक्रेन का युद्ध 10वें महीने में पहुंच गया है. अब यहां सर्दियां आ रही हैं. सर्दियों से पहले यहां बारिश होती है.

पिछले महीने यूक्रेन ने खेरसोन शहर को वापस अपने कब्जे में ले लिया. अब यूक्रेन की सरकार चाहती है कि वो युद्ध के मैदान में रूस पर अपनी पकड़ बनाए रखे. लेकिन खराब मौसम की वजह से सैनिक परेशान हो रहे हैं.

डोनबास में यूक्रेनी सैनिक कीचड़ और ठंडे पानी से भरे खंदकों में रहने को मजबूर हैं. पानी निकालते हैं. लेकिन बारिश की वजह से फिर पानी जमा हो जाता है. कीचड़ बनने से यूक्रेनी टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के ट्रैक बन जाते हैं. जिसकी वजह से रूसी फाइटर जेट या ड्रोन उन पर हमला कर सकते हैं.

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेस्की रेजनिकोव ने कहा था कि अब जो मौसम आ रहा है, उसमें रूस और यूक्रेन दोनों के सैनिकों को थोड़ा आराम करने को मिल सकता है.

सर्दियों में सारी गतिविधियां धीमी हो जाती हैं. ये दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद है. हालांकि कुछ मिलिट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूक्रेन अपने गढ़ों को और मजबूत बनाएगा. रूस के कब्जे में पड़े इलाकों को वापस छुड़ाने का प्रयास करेगा.

Related Articles

Back to top button