प्रतापगढ़ सीट से मां कृष्णा पटेल के खिलाफ अनुप्रिया ने नहीं उतारा प्रत्याशी, बीजेपी को वापस की सीट

प्रतापगढ़ सीट से मां के खिलाफ अनुप्रिया पटेल ने उम्मीदवार उतारने से किया इनकार

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. ऐसे में प्रदेश में भाजपा-सपा के बीच छिड़ी चुनावी जंग के बीच प्रतापगढ़ की सदर सीट पर मां-बेटी के रिश्ते के आगे सारी सियासत धरी रह गई. सदर सीट से सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल के नामांकन करते ही केंद्रीय मंत्री व अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने गठबंधन के कोटे से मिली इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा और प्रतापगढ़ की सदर सीट बीजेपी को वापस कर दी है.

मां के खिलाफ सुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ से नहीं उतारे उम्मीदवार

भाजपा से गठबंधन होने के बाद से प्रतापगढ़ सदर सीट अपना दल (एस) को मिलती रही. साल 2017 में यहां अपना दल से संगमलाल गुप्ता विधायक बने. 2019 में संगमलाल के सांसद बनने के बाद उपचुनाव में फिर अपना दल (एस) से राजकुमार पाल यहां से विधायक बने. इस बार भी भाजपा ने यह सीट अपना दल (एस) के कोटे में दी थी. अपना दल (एस) ने अपने विधायक राजकुमार पाल को स्टार प्रचारक बनाया तो माना जाने लगा था कि इस बार भी उन्हें ही टिकट दिया जाएगा.

वहीं सपा से अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल की पार्टी अपनादल (कमेरावादी) का गठबंधन हो गया. उसके बाद से ही यह चर्चा होने लगी थी कि प्रतापगढ़ सदर से सपा-अपना दल (कमेरावादी) गठबंधन से अनुप्रिया की बहन पल्लवी पटेल चुनावी मैदान में अपना दम दिखाएंगी. नामांकन के अंतिम दिन तक दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी. ऐसे में सिर्फ अटकलें लगाई जा रही थीं. मंगलवार दोपहर अपना दल (कमेरावादी) से कृष्णा पटेल नामांकन करने पहुंच गईं. इसके कुछ ही देर बाद पता चला कि अनुप्रिया पटेल ने मां के मैदान में उतरने की वजह से गठबंधन के कोटे में मिली प्रतापगढ़ सदर सीट बीजेपी को वापस कर दी.

सदर सीट से किसी प्रत्याशी की नहीं हुई घोषणा

अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया कि अब तक सदर सीट से कोई प्रउम्मीदवार घोषित नहीं था. मां (कृष्णा पटेल) के सपा-अपना दल क से नामांकन की जानकारी के बाद अनुप्रिया ने बीजेपी की सीट वापस कर दी है.

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