एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन सिरप जांच में फेल, बड़ी स्ख्या में अस्पतालों में हुई खपत

एजिथ्रोमाइसिन सिरप जांच में फेल, सरकारी अस्पतालों में मच गया हड़कंप

बच्चों को दि‍या जाने वाला एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन सिरप जांच में फेल हो गया है। इससे सरकारी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है। उप्र मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने दवा खरीद की प्रक्रिया की थी। इसके बाद अस्पतालों में सिरप की आपूर्ति की गई। जांच रिपोर्ट आने तक बड़ी संख्या में सिरप सरकारी अस्पतालों में खप गया। 20जनवरी को आदेश आने के बाद अब कॉरपोरेशन की तरफ से दवा वापस लौटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

संक्रमण से निजात दिलाने के लिए एंटीबायोटिक सिरप

सिरप बच्चों को गले व अन्य संक्रमण से निजात दिलाने के लिए एंटीबायोटिक सिरप सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मुहैया कराया जाता है। सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक सिरप एजिथ्रोमाइसिन की आपूर्ति सरकारी अस्पतालों में होती है। बदलते मौसम में बड़ी संख्या में बाल रोग विशेषज्ञों ने बच्चों को एंटीबायोटिक सिरप एजिथ्रोमाइसिन ही दिया। सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी उप्र मेडिकल सपलाइज कारपोरेशन की है। अस्पतालों में आपूर्ति के लिए एजिथ्रोमाइसिन सिरप क्रय किया गया। कंपनी ने सिरप की आपूर्ति की। 24 नवम्बर 2020 को लैब में हुई जांच में दवा मिसब्रांड मिली। ऐसी दशा में कारपोरेशन की प्रबंध निदेशक कंचन वर्मा ने दवा के इस्तेमाल न करने का आदेश जारी किया है। साथ ही कंपनी को जल्द से जल्द बदलकर दवा उपलब्ध कराने के लिए कहा।

एजिथ्रोमाइसिन 100 एमजी सिरप

यह भविष्यवाणी जांच से पहले खप गई दवा एजिथ्रोमाइसिन 100 एमजी सिरप का करीब 2,78,720 आर्डर अकेले लखनऊ के लिए किया गया था। दवा की आपूर्ति वेयरहाउस में हुई। इसके बाद अस्पतालों ने जरूरत के मुताबिक दवा मांग ली। मरीजों में उसका वितरण भी शुरू हो गया। इस दौरान दवा की गुणवत्ता परखने के लिए जांच के नमूने एकत्र किए गए थे। जो कि मानकों के हिसाब से नहीं मिला। जांच 2019 में हुई और पाबंदी दो साल बाद सिरप की जांच 2019 में हुई। रिपोर्ट जनवरी 2020 में आ गई। अफसरों को पूरे साल सिरप की वापसी व रिप्लेसमेंट (बदलने) की सुध नहीं रही। करीब एक साल गुजरने के बाद कारपोरेशन के अफसर ने सिरप बदलने के लिए आदेश जारी किया। करीब दो साल में सरकारी अस्पतालों में दवा काफी हद तक खप चुकी है। दवा जैसे मामले में अफसरों की सुस्ती जारी है। इसका खामियाजा मासूम बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।

Related Articles

Back to top button