तालिबान ने 9/11 हमले की बरसी पर सरकार के जश्न का कार्यक्रम टाला, रूस ने शामिल होने से कर दिया था इनकार

अफगानिस्तान में हथियार लिए तालिबानी सड़कों पर पहरा दे रहे हैं। फोटो हेरात शहर की है।

अमेरिका पर आतंकी संगठन अलकायदा के हमले (9/11) की आज 20वीं बरसी है। पहले ऐसी खबर थी तालिबान आज ही अपनी सरकार बनाने के जश्न का कार्यक्रम रखेगा, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तालिबान ने इसे टाल दिया है। इससे पहले रूस ने कहा था कि अगर तालिबान ने 9/11 की बरसी पर कार्यक्रम रखा तो वह शामिल नहीं होगा।

अमेरिका ने अफगानिस्तान की उड़ानें रोकीं
अमेरिका पहुंचे कुछ शरणार्थियों में खसरा फैलने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से आने वाली उड़ानें फिलहाल रोक दी हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की सिफारिश पर ये फैसला लिया गया है। इससे पहले अमेरिका ने बताया था कि बीते 3 दिन में काबुल से अमेरिकियों समेत 250 लोगों को निकाला गया है। इन्हें कतर की उड़ानों से दोहा लाया गया था और वहां से कई लोग अमेरिका पहुंच रहे हैं।

दिल्ली में अफगानी बच्चों ने लगाए तालिबान मुर्दाबाद के नारे
तालिबानी हुकूमत और उसकी दरिंदगी के खिलाफ काबुल ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली में रह रहे अफगानियों ने भी शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन किया। इसमें काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। वे पंजशीर में तालिबान से लड़ने वाले अहमद मसूद का समर्थन और तालिबान-पाकिस्तान का विरोध करते नजर आए। प्रदर्शनकारी हाथो में तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर तालिबान मुर्दाबाद, अफगानिस्तान तालिबानियों की जगह नहीं है, हम आजादी चाहते हैं, अफगानिस्तान जख्मी है, पाकिस्तान आतंकियों को शरण देता है और पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगें जैसे नारे लिखे थे।

दिल्ली में हुए प्रदर्शन में एक अफगानी बच्चा तालिबान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दिखा।

प्रदर्शनकारी पंजशीर में तालिबानी से जंग लड़ने वाली रेजिस्टेंस फोर्स का समर्थन करते हुए भी दिखे। वे रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद की फोटो लिए हुए थे। एक बच्चा मसूद की फोटो वाली टी-शर्ट पहने और अफगानी झंडा ओढ़े हुए नजर आया।

दो बच्चे अफगानिस्तान का झंडा थामे हुए नजर आए। इनमें से एक बच्चा अफगानी सैनिकों जैसी वर्दी पहने हुए था।

अफगानी महिलाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ फैज हामिद की फोटो लेकर प्रदर्शन कर रही थीं, उनका कहना था कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है, आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है। पाकिस्तान अफगानियों की हत्याएं करना बंद करे।

पाकिस्तान विरोधी तख्तियां लिए हुए प्रदर्शन करते हुए अफगानी युवा।

अमरुल्लाह सालेह के भाई का शव नहीं दे रहा तालिबान, कहा- इसे सड़ जाना चाहिए
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह की हत्या के के बाद तालिबान अब उनका शव नहीं द रहा। रोहुल्लाह के भतीजे इबादुल्ला सालेह ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को उनके चाचा को मार दिया था और जब उनका शव मांगा तो तालिबानियों ने देने से इनकार कर दिया। तालिबान ने कहा कि हम उसे दफनाने नहीं देंगे, उसका शरीर सड़ जाना चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने रोहुल्लाह सालेह को पंजशीर घाटी में ही मौत के घाट उतार दिया गया था। तालिबानियों ने सालेह को पहले कोड़ों और बिजली के तार से पीटा, उसके बाद गला काट दिया। बाद में तड़पते सालेह पर दनादन गोलियां बरसा दीं।

बताया जा रहा है कि रोहुल्लाह सालेह पंजशीर से काबुल जाने की फिराक में थे। तालिबानियों को इसकी खबर लग गई और उन्होंने सालेह को घेरकर बंदी बना लिया और फिर बेरहमी से मार दिया। उनकी हत्या की खबर शुक्रवार शाम को सामने आई। हालांकि तालिबान ने सफाई दी है कि रोहुल्लाह की हत्या नहीं की गई, बल्कि वे जंग में मारे गए हैं।

पंजशीर के दो बड़े नेताओं को भी मार चुका है तालिबान
तालिबान ने कुछ दिनों पहले पंजशीर पर जीत का दावा किया था। उसने पाकिस्तानी वायुसेना की मदद से पंजशीर के दो बड़े नेताओं को मार दिया था। तालिबान ने नॉर्दर्न अलायंस के कमांडरों और विद्रोहियों के प्रवक्‍ता फहीम दश्‍ती और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले जनरल अहमद शाह मसूद के भतीजे जनरल वदूद की हत्या कर दी थी।

ब्रिटेन की चेतावनी- तालिबान राज में फिर से हो सकते हैं 9/11 जैसे हमले
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबानियों के आने के बाद से दुनिया में 9/11 जैसे आतंकी हमलों का खतरा बढ़ेगा। MI5 के डायरेक्टर जनरल कैन मैकेलम ने बीबीसी से खास बातचीत में कहा कि तालिबान के आने के बाद सबसे ज्यादा खतरा ब्रिटेन को हो सकता है, क्योंकि अब नाटो की सेना भी अफगानिस्तान से जा चुकी है।

तालिबान को चीन-पाकिस्तान समेत 6 देशों ने समावेशी सरकार बनाने को कहा
अफगानिस्तान के 6 पड़ोसी देशों- चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने बताया, ‘ इन देशों ने तालिबानी नेताओं से एक समावेशी सरकार बनाने और ISIS, अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों को पैर जमाने की अनुमति नहीं देने की अपील की है।

तालिबान की दरिंदगी के शिकार 4 लोगों की मौत
अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन थम नहीं रहे हैं। ऐसे में विरोध को दबाने के लिए तालिबान दरिंदगी दिखा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान हिंसक तरीके अपना रहा है, उन्हें हथियारों और कोड़ों से पीटा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक तालिबानी क्रूरता के शिकार 4 लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं।

तालिबानी सोच- महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना, वे मंत्री नहीं बन सकतीं
अफगानिस्तान में अपने अधिकारों और नई सरकार में अपनी भागीदारी के लिए तालिबान से लड़ रहीं महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो गया है। महिलाओं का प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी प्रांत बदख्शां पहुंच गया है। वहां भी कई महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं। इस बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा- ‘एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।’

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