लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान, अब शाम 6 बजे तक खुल सकेंगी दुकानें

पटना. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कोरोना संक्रमण में लगातार हो रहे सुधार को देखते हुए लॉकडाउन में और ढील देने की घोषणा की है. अब दुकानें और अन्‍य व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान शाम 6 बजे तक खुल सकेंगे. इसके अलावा सरकार कार्यालयों को भी शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति देने का फैसला किया गया है. प्रतिबंधों में यह छूट एक सप्‍ताह के लिए दी गई है. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की गई. इसके बाद प्रतिबंधों में 16 जून से 22 जून तक कुछ और छूट देने का फैसला लिया गया.

इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की गई. अगले 1 सप्‍ताह तक अर्थात दिनांक 16 जून 2021 से 22 जून 2021 तक प्रतिबंधों में ढील देते हुए अब सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय शाम 5 बजे तक, तो दुकानें एवं प्रतिष्‍ठान शाम 6 बजे तक खुली रहेंगी. जबकि रात्रि कर्फ्यू शाम 8 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा.’

सीएम नीतीश ने खुद लिया था जायजा

बता दें कि अनलॉक 1 लगाने के बाद पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद राजधानी पटना का जायजा लिया था. यही नहीं, इसके बाद भी वह लगातार कोरोना मामलों पर न सिर्फ नजर रखते हैं बल्कि संबंधित अधिकारियों से बातचीत करते रहते हैं. वहीं, बिहार में जहां-जहां कोरोना मामलों में कमी आई है, वहां-वहां एक दिन के अंतराल पर दुकानें खुल रही हैं. हालांकि सरकार ने पहले बाजार खोलने के लिए सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक का वक्त तय किया है, लेकिन इसे अब बढ़ाकर शाम 6 बजे तक कर दिया है. हालांकि 5 अप्रैल बंद चल रहे शिक्षण संस्थानों को इस बार भी कोई राहत नहीं मिली है.
बिहार में कोरोना रिकवरी रेट 98 से अधिक

बता दें कि बिहार में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 13 और व्यक्तियों की मौत हो जाने से इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या 9505 हो गई है. वहीं, संक्रमण के 324 नए मामले आने के साथ ही अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 717539 हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बिहार में सोमवार को संक्रमण के जो 324 नए मामले सामने आए हैं, उनमें मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक 52 मामले सामने आए हैं. यही नहीं, राज्य में अब तक 703262 मरीज ठीक हो चुके हैं. इसके अलावा इस समय 4771 मरीज उपचाराधीन हैं और ठीक होने की दर 98.01 प्रतिशत है.

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