अंकिता भंडारी हत्याकांड: पूर्व BJP नेता का बेटा दोषी करार, 2 साल.. 500 पन्नों की चार्जशीट.. 97 गवाह, मिला न्याय

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने 30 मई 2025 को फैसला सुनाते हुए रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। तीनों पर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। सजा की घोषणा जल्द की जाएगी।

घटना का संक्षिप्त विवरण

बताते चलें कि सितंबर 2022 में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो ऋषिकेश के निकट वानंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। बाद में जांच में सामने आया कि रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों ने अंकिता पर अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डाला, और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी गई। अंकिता का शव 24 सितंबर को चीला नहर से बरामद हुआ था।

घटनाक्रम: कब क्या हुआ ?

18 सितंबर 2022: अंकिता भंडारी की हत्या की गई।

20 सितंबर 2022: पुलकित आर्य ने अंकिता के लापता होने की शिकायत राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में दर्ज कराई।

22 सितंबर 2022: मामला लक्ष्मणझूला थाने को सौंपा गया; पुलिस ने अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं जोड़ीं।

23 सितंबर 2022: तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।

24 सितंबर 2022: अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ; एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम किया गया; एसआईटी का गठन हुआ।

26 सितंबर 2022: आरोपियों को पुलिस कस्टडी में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।

16 दिसंबर 2022: आरोपियों के खिलाफ 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई।

30 मई 2025: कोटद्वार कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।

न्यायिक प्रक्रिया और जांच

एसआईटी ने इस मामले में 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की, जिसमें 97 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया। अदालत में 47 गवाहों की गवाही हुई, जिसमें जांच अधिकारी भी शामिल थे। मामले की सुनवाई 30 जनवरी 2023 से शुरू हुई और 19 मई 2025 को अंतिम बहस हुई।

दोषियों की पहचान

पुलकित आर्य: वानंत्रा रिसॉर्ट का मालिक और पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा।

सौरभ भास्कर: रिसॉर्ट का प्रबंधक।

अंकित गुप्ता: रिसॉर्ट का सहायक प्रबंधक।

तीनों पर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है।

पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया

अंकिता की मां ने अदालत से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को न्याय तभी मिलेगा जब हत्यारों को फांसी दी जाएगी।”

अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था

ध्यान देने वाली बात ये है कि फैसले के दौरान कोटद्वार कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई। 100 मीटर के दायरे को ‘जीरो जोन’ घोषित किया गया, जहां केवल सरकारी कर्मचारी और अदालत में पेश होने वाले लोग ही प्रवेश कर सकते थे।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

इस मामले ने पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा और प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर बहस छेड़ दी थी। उत्तराखंड सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एसआईटी का गठन किया और दोषियों को गिरफ्तार किया।

आगामी कार्रवाई

अदालत जल्द ही दोषियों की सजा का ऐलान करेगी। इस फैसले से पीड़ित परिवार और समाज को न्याय की उम्मीद जगी है।

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