Ambani पर ED के ताबड़तोड़ छापे, रिलायंस को घोषित किया ‘फ्रॉड’.. 30,000 करोड़ का मामला, SBI ने कहा..

एक समय देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शामिल रहे अनिल अंबानी एक बार फिर कानूनी संकटों से घिरे नजर आ रहे हैं। उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा फ्रॉड घोषित करने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उनके समूह की कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यह कार्रवाई देश के कई वित्तीय संस्थानों और नियामक एजेंसियों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर की जा रही है।
SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशन को घोषित किया ‘फ्रॉड’
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन को धोखाधड़ी करने वाली कंपनी करार दे दिया है। बैंक ने कंपनी को दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था। इन नोटिसों के जवाबों की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि कंपनी ने लोन की शर्तों का उल्लंघन किया और अपने खातों के संचालन में पारदर्शिता नहीं बरती।
ईडी की छापेमारी: कई वरिष्ठ अधिकारियों पर भी नजर
प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई स्थित अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापेमारी की है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर की गई है।
ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों में भी तलाशी अभियान चलाया गया है।
सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की साजिश
ईडी को जांच के दौरान यह सबूत मिले हैं कि यह मामला सिर्फ वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें सार्वजनिक धन की हेराफेरी की गई है। इस साजिश में कई बैंकों, संस्थानों, शेयरधारकों और निवेशकों को धोखा देने का आरोप है। जांच में घूसखोरी के एंगल की भी पुष्टि हुई है, जिसमें यस बैंक (Yes Bank) के प्रमोटर्स की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है।
यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ के लोन पर सवाल
जांच एजेंसियों को शक है कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से अनिल अंबानी समूह ने जो लगभग 3,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, उसका दुरुपयोग किया गया। यह रकम अवैध रूप से इधर-उधर की गई और इस पूरे लेन-देन में ट्रांसपेरेंसी का अभाव रहा। इससे संबंधित सभी लेन-देन की जांच अब तेज़ कर दी गई है।
अब आगे क्या?
अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का दायरा अब बढ़ता जा रहा है। अगर जांच में घोटाले और धोखाधड़ी की बात साबित होती है, तो समूह के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ खुद अनिल अंबानी को भी गंभीर कानूनी संकट का सामना करना पड़ सकता है।