तालिबान की सरकार का क्विक एनालिसिस:

33 में से 30 मंत्री पश्तून समुदाय के, हक्कानी फैमिली से 4 मिनिस्टर; हजारा समुदाय को मौका नहीं

तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को PM बनाया है।

तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी नई सरकार का ऐलान कर दिया है। इस सरकार का नाम ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ होगा। इसके प्रमुख यानी प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद होंगे। उनके दो डिप्टी PM होंगे, जिनमें मुल्ला बरादर भी शामिल हैं।

तालिबान पिछले दो साल से दावा कर रहा था कि सत्ता में आने पर वह समावेशी सरकार बनाएगा, लेकिन इस सरकार में अफगानिस्तान के अलग-अलग समूहों की हिस्सेदारी नजर नहीं आ रही है। हालांकि तालिबान ने कहा है कि अभी कार्यवाहक मंत्री परिषद की घोषणा की गई है। समावेशी सरकार को लेकर चर्चा चल रही है।

33 मंत्रियों की सरकार में 30 मंत्री पश्तून
तालिबान ने कुल 33 मंत्रियों की घोषणा की है इनमें से 30 पश्तून हैं, 2 ताजिक हैं और एक उज्बेक मूल के हैं। एक ही परिवार (हक्कानी नेटवर्क) के 4 मंत्री हैं। अफगानिस्तान के युवा, महिलाएं, राजनेता इस सरकार में शामिल नहीं हैं। देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हजारा समूह से भी कोई मंत्री नहीं लिया गया है।

सीनियर लीडर्स को पद देकर साधा गया
तालिबान के मंत्री पदों के बंटवारे से साफ नजर आ रहा है कि तालिबान के अलग-अलग समूहों के आंतरिक मतभेदों को कम करने के लिए आपस में पद बांट लिए गए हैं। तालिबान के सीनियर लीडर्स को मंत्री बनाया गया है, ताकि उनके ग्रुप में पनप रहे असंतोष को कम किया जा सके।

दुनियाभर में मान्यता मिलना भी मुश्किल
अधिकतर मंत्रियों के पास मंत्रालय संभालने के लिए जरूरी योग्यता या अनुभव नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि नई सरकार के बनने से प्रशासन में शायद ही कोई सुधार हो, क्योंकि तालिबान की इस सरकार को आसानी से अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलेगी।

खस्ताहाल इकोनॉमी को संभालना चुनौती
अफगानिस्तान अभी बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। सरकार को प्रशासन के लिए आर्थिक मदद की जरूरत भी होगी। बिना मान्यता के शायद ही अर्थव्यवस्था को कोई ठोस मदद मिल पाए।

तालिबान ने आपस में ही बांट लिए पद
तालिबान के प्रमुख शेख हिब्दुल्लाह अखुंदजादा सुप्रीम लीडर होंगे। उन्हें अमीर-उल-अफगानिस्तान कहा जाएगा। उनके प्रधानमंत्री समेत सरकार में शामिल सभी 33 मंत्री तालिबान से ही बनाए गए हैं। पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि तालिबान ने मंत्री पदों की बंदरबाट की है। जिस समावेशी सरकार का वादा किया था, उसके बारे में तालिबान ने इतना ही कहा है कि इस पर चर्चा की जा रही है।

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