अमरोहा में पटाखा फैक्टरी में भीषण धमाका: 5 महिला श्रमिकों की मौत, छह घायल, गांव में मचा हड़कंप

अमरोहा जिले के अतरासी गांव में सोमवार को एक पटाखा फैक्टरी में भीषण विस्फोट हो गया, जिसमें चार महिला श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई और छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। विस्फोट की भयावहता और प्रशासन की तत्काल प्रतिक्रिया ने इस हादसे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

तेज धमाका और टीनशेड की तबाही

सोमवार दोपहर करीब अतरासी गांव के जंगल क्षेत्र में स्थित एक पटाखा फैक्टरी में अचानक जोरदार धमाका हुआ। यह धमाका इतना भीषण था कि फैक्टरी का टीनशेड पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। विस्फोट के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीणों में दहशत फैल गई।

5 महिलाओं की मौत, छह से अधिक घायल

धमाके के बाद घटनास्थल पर 5 महिला श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां कुछ की हालत चिंताजनक बनी हुई है। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

मौके पर पहुंचे डीएम और एसपी

घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बचाव कार्यों की निगरानी की। डीएम ने बताया कि फैक्टरी की वैधता और लाइसेंस से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच कराई जा रही है। साथ ही, घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।

ग्रामीणों ने बचाव कार्य में की मदद

धमाके की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य में सक्रिय रूप से भाग लिया। पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की। इस सामूहिक प्रयास से कई मजदूरों को समय पर बाहर निकाला गया।

फैक्टरी मालिक हापुड़ निवासी, दस्तावेजों की हो रही जांच

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि यह फैक्टरी हापुड़ निवासी व्यक्ति की है। फैक्टरी के संचालन, लाइसेंस और सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा रही है। यदि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले भी हुआ था धमाका, प्रशासन पर सवाल

गौरतलब है कि इससे पहले एक मई को अमरोहा के भावली गांव में भी एक अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट हुआ था। उस हादसे में एक बच्चा झुलस गया था। ग्रामीणों ने उस समय आरोप लगाए थे कि जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है।

पटाखा निर्माण के केंद्र बनते गांव, सुरक्षा के सवाल बरकरार

यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि किस तरह गांवों में अवैध या असुरक्षित पटाखा फैक्ट्रियां चल रही हैं, जिनमें गरीब मजदूरों की जान जोखिम में डाली जाती है। बिना सुरक्षा मानकों के संचालित ऐसी फैक्ट्रियां गंभीर खतरा बन चुकी हैं।

 

 

 

 

 

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