अमित शाह की नजर सोनिया गांधी की नागरिकता पर !

आने वाले दिनों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की नागरिकता खत्म हो जाएगी…इन दोनों की फाइल गृहमंत्री अमित शाह की टेबल पर रखी है। चौंकिए मत ये मैं नहीं बल्कि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सुब्रमण्यम स्वामी कह रहे हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों पहले एबीवीपी के कार्यक्रम में सुब्रमण्यम ने कहा…नहीं कहा नहीं बल्कि दावा किया कि फाइल गृहमंत्री अमित शाह की टेबल पर रखी है। जल्द ही वो अपनी नागरिकता खो देंगे….तो क्या वाकई सोनिया गांधी और राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता खत्म हो जाएगी…क्या सत्ता से बेदखल करने के बाद बीजेपी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को देश से भी निकालने की योजना बना रही है

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय संविधान का हवाला देते हुए स्वामी ने कहा कि जो लोग भारतीय रहते हुए दूसरे देश की नागरिकता ले रहे हैं, उनकी भारतीय नागरिकता खुद ही खत्म हो जाएगी। स्वामी ने दावा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इंग्लैंड में व्यवसाय शुरू करने के लिए ब्रिटिश नागरिकता का विकल्प चुना था। हालांकि, राहुल गांधी नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं क्योंकि उनके पिता राजीव गांधी एक भारतीय थे, लेकिन वो अपनी मां सोनिया गांधी की साख का इस्तेमाल करते हुए आवेदन नहीं कर सकते, जिन्होंने दावा किया कि वो भारतीय नागरिक नहीं थे। इसी वजह से सुब्रमण्यम राहुल गांधी की भी नागरिकता खत्म होने की बात कर रहे हैं।

बीजेपी शुरुआत से ही सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर हमेशा से मुद्दा बनाती रही है। स्वामी ने 2000 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के पास सोनिया गांधी के बायोडाटा को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इसी आधार पर उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की। तब सोनिया गांधी को मानना पड़ा था कि लोकसभा पब्लिकेशन में गलती से कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी छप गया था। लेकिन अब तो राहुल गांधी की भी नागरिकता पर बीजेपी सवाल खड़े कर रही है…वैसे बता दे राहुल गांधी का जन्म भारत में ही हुआ है…लेकिन सोनिया गांधी इटली रहने वाली है…इसीलिए उनकी नागरिकता पर सवाल उठाए जाते हैं…चुनाव हो या आम दिन, खुले मंच से बीजेपी नेता सोनिया की नागरिकता को लेकर तंज कसते हैं।
2014 से लेकर अब तक बीजेपी ने कांग्रेस को हाशिए पर ला दिया…शाह और मोदी की हिट जोड़ी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए कुछ इस तरह प्लान बनाया कि कांग्रेस अभी तक उस हार से उबर नहीं पाई है। 2014 में 44 तो वहीं 2019 में कांग्रेस सिर्फ 52 सीटें ही जीत पाई। नौबत तो यहां तक आ गई कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपना वजूद ही तलाशने लगी।

उस हार से बेचैन राहुल गांधी ने आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस बिखर सी गई…कांग्रेस के नेताओं में फूट पड़ गई…पार्टी का नेतृत्व बिखर गया… कांग्रेस का आत्मविश्वास डगमगा गया…उस समय बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह थे…उनके नेतृत्व में ही बीजेपी कांग्रेस को मात पर मात दे रही थी…राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी को पार्टी को एक नई दिशा देने के लिए कांग्रेस की फिर से कमान संभालने के लिए अंतरिम अध्यक्ष का पद संभालना पड़ा..अब जब कांग्रेस को एक कुशल नेतृत्व मिल गया है…और कांग्रेस आगामी चुनावों की रणनीति बना रही है तो फिर से अमित शाह कांग्रेस की कमर तोड़ने के लिए सोनिया गांधी को टारगेट कर रहे है…लेकिन इस बार सोनिया के साथ राहुल गांधी की भी नागरिकता पर अमित शाह की टेड़ी नजर है।

तो क्या अमित शाह सोनिया के साथ राहुल की भी नागरिकता छीनने का प्लान बना रहे हैं। क्य़ोंकि कांग्रेस फिर से धीरे धीरे अंदरुनी तौर पर एक्टिव हो रही है। यूपी की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी यूपी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं…शायद यही वजह होगी कि अमित शाह को कांग्रेस का दोबारा एक्टिव होना रास नहीं आ रहा..तभी तो अमित शाह एक बार फिर कांग्रेस को बिखेरने के लिए सोनिया और राहुल को टारगेट करने का प्लान बना रहे हैं। क्योंकि सोनिया औऱ राहुल कांग्रेस की रीढ़ है…और ये बात अमित शाह बखूबी जानते हैं।

अगर ऐसा है तो इसका प्लान बीजेपी 2014 से ही कर चुकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 464 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सिर्फ 44 सीटें ही जीत पायीं और उनमें सबसे अधिक कर्नाटक से 9 और केरल से 8 सीटें थीं। बाकी अन्य राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा है, कांग्रेस 3 राज्यों में सिर्फ तीन-तीन सीटें, 5 राज्यों में महज 2-2 सीटें और 5 राज्यों में मात्र 1-1 सीट जीत पायी।
देश के कुल 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 13 राज्य और सभी 7 केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पायी थी।
कांग्रेस ने 423 नामों का ऐलान किया है।

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