Operation Mahadev: कैसे साबित हुआ मारे गए तीनों आतंकी पहलगाम के दोषी ? अमित शाह ने दिए ये सबूत

नई दिल्ली, 29 जुलाई — संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर और उससे जुड़े ऑपरेशन महादेव पर विस्तार से जानकारी दी। शाह ने इस कार्रवाई को भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी बताया और यह भी स्पष्ट किया कि पहालगाम आतंकी हमले के दोषियों को पाकिस्तान से संबंध रखने के पुख्ता सबूतों के साथ ढेर किया गया है। इस दौरान उन्होंने पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान का भी जवाब दिया और बताया कि भारत सरकार के पास किस तरह के सबूत हैं।
ऑपरेशन महादेव: हमले के दिन से ही शुरू हुई थी कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पहाड़ों में छुपे आतंकियों को घेरने का ऑपरेशन महादेव 28 जुलाई को अंजाम दिया गया, लेकिन इसकी तैयारी उसी दिन शुरू हो गई थी जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। हमला दोपहर 1 बजे हुआ और साढ़े पांच बजे अमित शाह खुद कश्मीर पहुंच चुके थे। उसी रात सुरक्षा एजेंसियों की मीटिंग हुई जिसमें यह तय हुआ कि हमलावरों को किसी भी हालत में पाकिस्तान भागने नहीं दिया जाएगा।
खुफिया इनपुट के लिए दो महीने तक लगातार जुटा रहा सिस्टम
शाह ने बताया कि 22 मई को खुफिया एजेंसी IB के पास एक पुख्ता सूचना आई कि आतंकवादी दाचीगाम के जंगलों में छिपे हुए हैं। लेकिन इससे पहले मई से जुलाई तक अधिकारी लगातार आतंकियों के लोकेशन और सिग्नल को ट्रैक करने में लगे रहे। ठंड और मुश्किल हालात में भी सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के डिजिटल और रेडियो सिग्नल ट्रेस किए। आखिरकार जब 22 जुलाई को पूरा विश्वास हो गया कि आतंकी वहीं हैं, तो ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।
ऑपरेशन में तीन आतंकियों को किया गया ढेर
गृह मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जो सीधे 22 अप्रैल के पहलगाम हमले से जुड़े हुए थे। इन तीनों के पास एक अमेरिकन राइफल और दो AK-47 राइफलें बरामद हुईं। घटनास्थल से मिले कारतूसों और बंदूक के खोखों को चंडीगढ़ भेजा गया और बैलिस्टिक जांच में साबित हो गया कि हमले में इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल हुआ था।
शवों की हुई पहचान, मददगारों ने दिए बयान
शाह ने संसद को बताया कि आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए और उनकी पहचान तीन स्थानीय मददगारों ने की। इसके बावजूद सरकार ने जल्दबाज़ी नहीं की और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर जांच पूरी की गई।
पाकिस्तानी लिंक के तीन बड़े सबूत
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता चिदंबरम ने हमलावरों का पाकिस्तानी होना साबित करने की मांग की थी, जिसका उन्होंने सटीक जवाब दिया। शाह ने तीन मुख्य सबूत संसद के पटल पर रखे:
तीन में से दो आतंकियों के पाकिस्तान के वोटर ID उपलब्ध हैं।
उनके पास जो चॉकलेट मिली, वह पाकिस्तान में बनी हुई थीं।
बैलिस्टिक रिपोर्ट ने यह पुष्टि की कि हमले में इस्तेमाल हुई राइफलों से ही फायरिंग की गई थी।
शाह का विपक्ष पर हमला
शाह ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब भी आतंकवाद पर कार्रवाई की ज़िम्मेदारी उनकी थी और आज जब BJP सरकार में है, तो देश की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हम निभा रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ एक फोटो खिंचवाने की बजाय, हमने सुरक्षा की रणनीति पर काम किया और आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया।
पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश
ऑपरेशन महादेव सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की सुरक्षा नीति में आत्मनिर्भरता और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक है। अमित शाह के इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ सर्जिकल नहीं, बल्कि रणनीतिक, तकनीकी और पूरी तरह से प्रमाण आधारित होगी।