अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर कसा तंज, कोई कंप्रेसर नहीं जो ठंडा कर देंगे..

अखिलेश यादव ने कहा- हम भर्ती की वो गर्मी की बात करते हैं

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. पार्टी के नेता लगातार एक-दूसरे पर हमलावर होते दिखाई दे रहे हैं. सभी पार्टियों के बड़े नेता एक ही दिन में कई-कई जिलों में सभाएं कर रहे हैं. इसका बड़ा केंद्र आज बुलंदशहर की विधानसभाएं हैं जहां अमित शाह से लेकर प्रियंका और अखिलेश व जयंत चौधरी पहुंचे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद मुखिया जयंत चौधरी का बुलंदशहर, स्याना, अनूपशहर, शिकारपुर, खुर्जा और सिकंदराबाद में कार्यक्रम है, जहां दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर तीखे हमले किए.

प्रेसवार्ता में जयंत चौधरी ने कहा कि इस सरकार ने मनरेगा का बजट काट दिया. एक बार भी वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस बात का जिक्र नहीं किया. हमारी सरकार बनी तो कानून व्यवस्था और किसानों के हितों का ध्यान रखा जाएगा. वहीं अखिलेश ने कहा कि बुलंदशहर की घटना पूरे यूपी को चिंतित कर रही है. सरकार के लोग ये बताने में कहीं भी चूक नहीं करते कि कानून व्यवस्था में यूपी सबसे आगे है पर सच कुछ और है. हाथरस में जो हुआ वह सरकार की नाकामी को दर्शाता है. बुलंदशहर में हुई घटना के आरोपी अभी खुलेआम घूम रहे हैं. आरोपी कब पकड़े जाएंगे सरकार बताए. सरकार को पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

जॉइंट प्रेसवार्ता कर अखिलेश-जयंत से बीजेपी पर बोला हमला

सपा प्रमुख ने कहा, सरकार अब झूठ बोलना बंद कर दे. बड़े पैमाने पर ऐसी घटनाएं हो रही हैं. पहले ये तय था कि दस से पंद्रह मिनट में पुलिस ऐसी घटनाएं होने पर पहुंचे हैं. हमारी गठबंधन की सरकार बनती है तो बेटियों की सुरक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं की जाएंगी. पुलिस की गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. सीएम योगी की बदली भाषा पर मुझे हैरानी होती है. गठबंधन की हवा देखकर सरकार घबरा गई है.

अखिलेश ने सीएम योगी के गर्मी वाले बयान पर कहा कि, ये सीएम हैं कोई कंप्रेसर नहीं जो हमें ठंडा कर देंगे. क्या सीएम साहब कंप्रेसर हैं. जो लोग गर्मी की बात कर रहे हैं उन्हें हम बता दें कि हम गर्मी की बात नहीं भर्ती की बात करते हैं. हम युवाओं को रोजगार देंगे.

किसान के साथ हुआ धोखा-अखिलेश

अखिलेश बोले, हमारे किसान दुखी हैं. इस बार भी बजट में उनके साथ धोखा हुआ है. अगर ये बजट अमृत बजट है तो क्या पिछला बजट जहर का था. भाजपा कहती है कि इस बजट से हीरा सस्ता हो जाएगा. अब आप समझ लीजिए की गरीब का कितना ध्यान रखा जा रहा है. ये सरकार किसानों की सरकार नहीं है. सरकार किसानों को खाद नहीं दे पाई.

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