अखिलेश यादव को लगा झटका, सपा के प्रदेश सचिव ने थामा भाजपा का हाथ

रघु पाल सिंह करहल में बढ़ेगी चुनौती, अखिलेश याादव को लेकर कही ये बात

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत में हलचल मची हुई है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से मैदान में उतरने के ऐलान से सियासी पारा बढ़ गया है। यूपी के पूर्व सीएम के के करहल से चुनाव लड़ने की खबर से सपाई खुश हैं। इस बीच सपा को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट के समाजवादी पार्टी के नेता रघु पाल सिंह  ने सपा को छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया है। उन्‍होंने आज ही भाजपा ज्‍वाइन की है।

अखिलेश यादव से जताई नराजगी

बता दें कि रघु पाल सिंह समाजवादी पार्टी में प्रदेश सचिव के पद पर थे। वहीं, भाजपा का दामन थामने के बाद उन्‍होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव से कोई नाराजगी नहीं है। मेरी नाराजगी अखिलेश यादव से है। उनको अपने कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं है।

अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात

इसके साथ रघु पाल सिंह ने कहा कि अगर भाजपा सही तरीके से करहल विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतार देती है तो वहां से अखिलेश यादव हार भी सकते हैं। इसके साथ उन्‍होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सरकार में होते हैं, तब उनके कार्यकर्ता बहुत ज्यादा उत्पात मचाते हैं और बदमाशी करते हैं।

जानिए करहल सीट का इतिहास

करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है. इस विधासभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव, 1989 और 1991 में समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) और 1993, 1996 में सपा के टिकट पर बाबूराम यादव विधायक निर्वाचित हुए. 2000 के उपचुनाव में सपा के अनिल यादव, 2002 में बीजेपी और 2007, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर सोवरन सिंह यादव विधायक चुने गए. यही नहीं, मैनपुरी की करहल सीट यादव बाहुल्य है और पिछले करीब 32 साल से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है. हालांकि 2002 में सोवरन सिंह यादव ने यह सीट बीजेपी की झोली में डाली थी, जो बाद में सपा में शामिल हो गए. करहल विधानसभा सीट पर यादव वोट 144123 है. जबकि 14183 वोटर मुस्लिम हैं. इसके अलावा शाक्य (34946), ठाकुर (24737), ब्राह्मण (14300), लोधी 10833) और जाटव (33688) वोटर्स का भी दबदबा है. करहल विधानसभा में कुल मतदाता 371261 हैं, जिसमें से पुरुष (201394) और महिला (169851) इसके अलावा 39 शहरी और 475 ग्रामीण पोलिंग स्टेशन हैं।बता दें कि मैनपुरी में कुल चार विधानसभा सीटें हैं। इसमें मैनपुरी सदर, भोगांव, किशनी और करहल शामिल हैं। इस वक्‍त भोगांव पर भाजपा, तो बाकी तीनों पर सपा काबिज है। हालांकि भोगांव सीट भी लगातार पांच बार सपा के खाते में रह चुकी है।

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