क्या आजमगढ़ के बाद मैनपुरी भी खो देंगे अखिलेश यादव!

आजमगढ़ की सीट सालों साल  समाजवादी पार्टी के हिस्से में ही रही है दुर्गा प्रसाद यादव बीते 5 विधानसभा चुनावों से वहां विधायक की कुर्सी पर समाजवादी पार्टी से बैठे हुए हैं

आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है लेकिन बीते लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने आजमगढ़ से बाजी मारी और आजमगढ़ लोकसभा सीट बीजेपी के नाम हो गई।

Nirahua-vs-Dharmendra
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आजमगढ़ की सीट सालों साल  समाजवादी पार्टी के हिस्से में ही रही है दुर्गा प्रसाद यादव बीते 5 विधानसभा चुनावों से वहां विधायक की कुर्सी पर समाजवादी पार्टी से बैठे हुए हैं। और लोकसभा सीट अखिलेश यादव के नाम थी लेकिन बीते लोकसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव का आजमगढ़ भाजपा से दिनेश लाल यादव अपने नाम कर दें अब उसके बाद से समाजवादी पार्टी के घर पर भाजपा की नजर बनी हुई है।

ना केवल भाजपा बल्कि अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भाजपा की परंपरागत सीट मैनपुरी से सपा के खिलाफ चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार कर रहे हैं

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर अभी से  राजनीतिक गलियारों में खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है. सभी पार्टियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए धार देनी भी शुरू कर दी है.  वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि सपा विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव 2024 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से दावेदारी कर सकते हैं.

अखिलेश Yadav से लोकसभा सीट छिनने के बाद कुछ Political दलों की नजरें उनके पिता मुलायम सिंह यादव की सीट मैनपुरी पर टिक गई हैं. इस सीट पर अब शिवपाल यादव ने भी ताल ठोंकने के संकेत दिए हैं.

बीजेपी के साथ मिलकर लड़ सकते हैं 2024 का चुनाव
अगर मुलायम सिंह यादव 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो पूरी संभावना है कि शिवपाल यहां से चुनाव लड़ जाएं. बताया जा रहा है कि तब बीजेपी उन्हें समर्थन दे सकती है.

मुलायम सिंह स्वास्थ्य कारणों से राजनीतिक तौर पर बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं है. ऐसे में 2024 में उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है. यही कारण है कि उनकी गैरमौजूदगी में शिवपाल मैनपुरी को अपनी उम्मीदवारी के लिए फिरोजाबाद से ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं.

मुलायम सिंह

शिवपाल का कहना है कि अगर नेताजी मैनपुरी से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह इस सीट से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे. मुलुायम सिंह 2019 में करीब 91 हजार वोट से चुनाव जीते थे. उस समय सपा और बसपा एक साथ लोकसभा चुनाव लड़े थे. 2019 में शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था.

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