यूपी में अखिलेश खेलेंगे दलित कार्ड का पैंतरा

लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति बदलते दिख रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भाजपा को हराने के लिए नया समीकरण बना रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी अब उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति के संस्थापक कहे जाने वाले कांशीराम को गले लगा चुकी है। रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा में अखिलेश यादव ने कांशीराम की मूर्ति का अनावरण किया है। मूर्ति अनावरण करने के बाद उन्होंने मंच से अपने भाषणों को संबोधित किया संबोधन के दौरान उन्होंने कहावहीं अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले समय में जो लड़ाई होने जा रही है वो बहुत बड़ी है और लोकतंत्र को बचाने के लिए की लड़ी जाने वाली है।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग अगर फिर से सत्ता में आ गए तो हो सकता है आने वाले दिनों में आपको देश में चुनाव देखने के लिए खत्म हो जाय।इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना पड़ेगा। मान्यवर कांशीराम की मूर्ति के सहारे बहुजन समाज पार्टी यानी दलित वोट बैंक में अपनी और लुभा सकते हैं ।

 

 

 

 

 

 

 

 

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग हैं।हम बहुजन समाज के लोगों को बांधने की कोशिश कर रहे हैं।बहुजन समाज को जोड़ने के लिए जिस आंदोलन की आवाज मान्यवर कांशीराम बने थे उसे समाजवादी पार्टी गांव-गांव जाकर पहुंचाने की कोशिश करेगी। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में चुनौती कूड़ा है, ट्रैफिक व्यवस्था है महंगाई है जो भारतीय जनता पार्टी ने दी है। भारतीय जनता पार्टी को जवाब देना चाहिए कि स्मार्ट सिटी क्यों नहीं बने। प्रधानमंत्री ने जब पैर धोए उसके बाद भी सफाई नहीं हुई।शायद दुनिया में इतने बड़े लोगों ने कभी झाड़ू नहीं पकड़ा होगा जो बीजेपी ने झाड़ू पकड़ाया।

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