एयर इंडिया का सरकार को बाय, अब नया महाराजा होगा टाटा

एयर इंडिया की करीब 70 सालों के बाद घर वापसी हो रही है। टाटा संस ने सबसे ऊंची बोली लगाकर एयर इंडिया को खरीद लिया है। अब जल्दी ही कंपनी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीत ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आने वाले दिनों में एक आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसकी घोषणा जल्द कर सकती है। दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है।

हांलाकि अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।अगर ऐसा हुआ है तो कर्ज में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथों में चली जाएगी। दरअसल, एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी तिथि 15 सितंबर थी। इस एयरलाइन के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों में टाटा संस भी शामिल थी।

1932 में हुई थी एयरलाइन की शुरुआत

आपको बता दें कि जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई। अब एक बार फिर टाटा ग्रुप की टाटा संस ने इस एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई है। अगर इस बात की पुष्टि हो जाती है कि टाटा ने बोली जीत ली है तो करीब 70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा ग्रुप के पास  आ जाएगी। टाटा संस की ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, और ये टाटा समूह की प्रमुख स्टेकहोल्डर है।

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